आचार संहिता के बीच परंपरा निर्वहन का एक और बरस, कुछ यूं मना कटनी का दशहरा
कटनी। आचार संहिता के परोक्ष डर के बीच परंपरा निर्वहन का एक और बरस, कुछ यूं मना कटनी का दशहरा। जी हां कटनी के ऐतिहासिक दशहरा पर ऐसे नजारे आम दिखे। हर बात में चुनाव आयोग का बहाना प्रशासन के लिए किसी कवच की भांति बना रहा। जुलूस की खासियत थी कि इस बार दोनो प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा कांग्रेस के कार्यकर्ता काफी देर तक साथ दिखे इस बीच भाजपा प्रत्याशी संदीप जायसवाल तथा कांग्रेस प्रत्याशी मिथलेश जैन भी सुभाष चौक में आमने सामने हुए फिर सभी ने मिलकर फोटो खिंचवाई।



जुलूस में इस बार करीब डेढ़ दर्जन दुर्गा प्रतिमाएं शामिल हुईं, जिनका कटनी नदी के विभिन्न घाटों में विजर्सन किया जाएगा। पिछले सालों के मुकाबले इस बार के दशहरे में न तो वैसी रौनक दिखी और न ही भीड़।
कभी दशहरा चल समारोह में दो सौ से अधिक प्रतिमाएं शामिल होती थीं और सुबह तक प्रतिमाओं का विसर्जन होता था लेकिन अब बारडोली का ऐतिहासिक दशहरा चल समारोह साल दर साल अपनी पहचान खोता जा रहा है। प्रतिमाओं की संख्या कम होती जा रही थी।
दशहरा के दूसरे दिन अलग से दुर्गा प्रतिमाओं को जुलूस के रूप में निकालकर विसर्जन
समितियों द्वारा दशहरा के दूसरे दिन अलग से दुर्गा प्रतिमाओं को जुलूस के रूप में निकालकर विसर्जन किया जा रहा है। जिसकी बानगी आज शहर की सड़कों पर देखने को मिलेगी। मेन रोड स्थित हनुमान मंदिर के सामने से ऐतिहासिक दशहरा चल समारोह जुलूस शाम ठीक 7 बजे शुरू हुआ। जुलूस में सबसे आगे दो अश्वारोही हाथों में बैनर लेकर जुलूस का नेतृत्व करते चल रहे थे। इसके बाद गोल बाजार रामलीला कमेटी का रावण, राम दल जुलूस में चल रहा था। रामदल में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और हनुमान जी की एक झलक पाने को लोग बेताब रहे। जुलूस में झंडा बाजार व्यापारी संघ की दुर्गा प्रतिमा पहले नंबर पर रही। इसके ठीक पीछे घंटाघर रामलीला कमेटी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता जुलूस में शामिल थे।
ढोल-नगाड़ों, गीतों की धुनों में थिरकती युवाओं की टोलियोंं के साथ जुलूस शहर के विभिन्न तिराहों-चौराओं व दुर्गा पंडालों से प्रारंभ हुआ। सुभाष चौक, झंडाबाजार, शेर चौक, आजाद चौक होते हुए कटनी नदी के गाटरघाट, मसुरहा घाट रपटा आदि चिन्हित 11 स्थानों पर पहुंचा, जहां बनाए गए कुंडों में प्रशासन ने प्रतिमाओं का विसर्जन कराया। शहर से लेकर गांव तक दशहरा पर्व की धूम रही। जुलूस में श्रद्धालु मातारानी के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। दुर्गा मैया भूल न जाना, अगले साल फिर से आना के जयघोष के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ। मातारानी को विदा करते वक्त कई श्रद्धालु भाव विभोर दिखे तो कई कि आंखें नम हो गईं। दशहरा के दूसरे दिन अर्थात आज भी शहर में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन जारी रहेगा। कल देर रात बैंड बाजे की धुन पर नृत्य करते हुए युवक और युवती प्रतिमाओं का विसर्जन करते रहे पर कई जगह प्रतिमा रखीं थीं। कोतवाली पुलिस लाइन परिसर में स्थापित प्रतिमा का विसर्जन जुलूस निकाला गया।
गोलबाजार से शुरू हुआ चल समारोह
जूलूस का नेतृत्व कर रहे रावण महराज के पुतले के साथ विधायक संदीप जायसवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक टण्डन, नगर निगम अध्यक्ष मनीष पाठक, गोलबाजार रामलीला कमेटी के सचिव भरत अग्रवाल, अध्यक्ष रणवीर कर्ण, उपाध्यक्ष रवि खरे, गीता गुप्ता, टिल्लू सिंघानिया, सत्यनारायण अग्रहरि, रामरतन पायल, पीताम्बर टोपनानी, ललित जायसवाल, चमनलाल आनंद, रामचंन्द्र तिवारी, श्रीमती गीता गुप्ता, ललित गुप्ता, रणवीर कर्ण, शिवम शर्मा, वीरेन्द्र मिश्रा, कैलाश जैन सोगानी, आशुतोष शुक्ला, विवेक शुक्ला, रोहित सेन, शरद अग्रवाल, अंतिम गुप्ता, ज्योति दीक्षित, विनय दीक्षित, कैलाश गुप्ता,अंशुल तिवारी, आशीष तिवारी, मनीष चौबे, वेंकटेश मिश्रा, केशव मिश्रा, बिल्लू शर्मा, राजू शर्मा, संतोष जायसवाल, राजू तिवारी, मयंक गुप्ता, मृदुल द्विवेदी, अनुभव शुक्ला, अरसद मंसूरी, कांग्रेस नेता करण सिंह चौहान, सुजीत द्विवेदी, रम्मू यादव, मौसूफ़ अहमद बिट्टू रौनक खंडेलवाल, प्रियदर्शन गौर, अमित शुक्ला आदि नेताओं की उपस्थिति रही।
रात्रि साढ़े 10 बजे रावण महाराज पहुंचे आजाद चौक
निर्धारित समय पर चल समारोह का नेतृत्व करते गोलबाजार रामलीला कमेटी के रावण के पुतले की आगवानी ठीक रात्रि साढ़े 10 बजे आजाद चौक पर हो चुकी थी। यहां से पुतले को जग्गनाथ चौक से घुमाकर मिशन चौक होते हुए वापस गोलबाजार लाया गया। जहां सुबह रावण का दहन होता है।
आम जनता के लिए खूब चले भण्डारे
दशहरा चल समारोह में इस साल भी भण्डारे खूब चले कटनी में सराफा एसोसिएशन तथा जगन्नाथ चौक के समीप हर बार की तरह भण्डारे में सैकड़ों लोग प्रसाद पाते दिखे तो वही लक्ष्मीनारायण मंदिर के पास भी भण्डारे का प्रसाद वितरण पूरे जुलूस में होता रहा। बावजूद इस सब के चाट के ठेलों होटलों तथा अन्य खाने पीने की दुकानों में भी ग्राहकी अच्छी दिखी।
डीजे की धुन से गूंजी सड़कें
चल समारोह में डीजे दुर्गा समितियों की पहली पसंद रहे। न तो बेंड पार्टी दिखी न ही धमाल पार्टी नजर आई अधिकांश दुर्गा समितियों के साथ डीजे चल रहा था जुलूस मार्ग डीजे की धुन में सराबोर नजर आया। खास बात यह थी कि तेज आवाज के बावजूद प्रशासन ने इसे लेकर कोई सख्ती नहीं दिखाई।
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