Gaganyaan Mission: मिशन गगनयान की परीक्षण उड़ान, दूसरी बार में मिली सफलता, देखिए वीडियो
एजेंसी, श्रीहरिकोटा। मिशन गगनयान के लिए शनिवार का दिन रोमांचक रहा। गगनयान की पहली परीक्षण उड़ान को शनिवार सुबह लॉन्चिंग से महज 5 सेकंड पहले रोक दिया गया। हालांकि सवा घंटे बाद दोबारा कोशिश की गई, जो सफल रही।
पहले प्रयास में ऐनवक्त पर मिशन रोकने के बारे में इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि लिफ्ट-ऑफ का प्रयास नहीं हो सका। इंजन इग्निशन नहीं हो सका। हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या गलत हुआ। वाहन पूरी तरह सुरक्षित है। हम इसे ठीक करेंगे और जल्द ही लॉन्च शेड्यूल जारी करेंगे।’
क्या है Gaganyaan Mission 2023
#WATCH | Gaganyaan’s First Flight Test Vehicle Abort Mission-1 (TV-D1) launch put on hold at 5 seconds pic.twitter.com/ygOkpdaUx3
— ANI (@ANI) October 21, 2023
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) शनिवार को टेस्ट व्हीकल अबार्ट मिशन-1 (टीवी-डी 1) के जरिये पहले “क्रू मॉड्यूल” का परीक्षण करने वाला था। टीवी-डी 1 के तहत एकल-चरण तरल रॉकेट को लांच किया जाना था। इसका उद्देश्य गगनयान मिशन के दौरान अंतरिक्षयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था।
बता दें, गगनयान मिशन के तहत अंतरिक्षयात्रियों के दल को 400 किमी की कक्षा में ले जाया जाएगा। इसके बाद उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाकर भारत मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करेगा। वर्ष 2025 में भारतीय अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाने का लक्ष्य है।
कैसे काम करेगी टेस्ट फ्लाइट
उड़ान के लगभग 61 सेकंड बाद 11.9 किमी की ऊंचाई पर राकेट क्रू एस्केप सिस्टम से अलग हो जाएगा। उड़ान भरने के 91 सेकंड बाद और 16.9 किमी की ऊंचाई पर क्रू माड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम अलग हो जाएंगे। इसके बाद पैराशूटों की तैनाती के साथ श्रीहरिकोटा से लगभग 10 किमी दूर समुद्र में क्रू माड्यूल की सुरक्षित लैंडिग होगी। बाद में बंगाल की खाड़ी से नौसेना द्वारा इन्हें खोज कर निकाला जाएगा।