‘जब तक जिंदा हैं बीजेपी नेताओं से दोस्ती बनी रहेगी’, नीतीश कुमार ने दिए सियासी तूफान के संकेत
Mahatma Gandhi Central University Bihar:’जब तक जिंदा हैं बीजेपी नेताओं से दोस्ती बनी रहेगी’, नीतीश कुमार ने सियासी तूफान के संकेतदिए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं।
इस आयोजन में पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय मोतिहारी में आयोजित समारोह में राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उपस्थित थे. इसी मंच से अपने करीब 12 मिनट के भाषण में नीतीश कुमार ने बिहार के बीजेपी नेताओं से अपनी दोस्ती का हवाला देते हुए जो कुछ कहा उससे बिहार की सियासत गर्मा गई है
‘जब तक जिंदा हैं बीजेपी नेताओं से दोस्ती बनी रहेगी’
बात बिहार की थी. जिक्र बापू का था. सो अपने भाषण की शुरुआत नीतीश कुमार ने स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी कहानियों से की. 1917 से लेकर 1947 का इतिहास बताते हुए नीतीश कुमार ने महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के निर्माण की संकल्पना से लेकर पहले दीक्षांत समारोह तक का किस्सा. सुनाया
नीतीश कुमार ने कहा, ‘2007 की तत्कालीन केंद्र सरकार ने कई राज्यों में केंद्रीय विश्वविद्धालय खोलने का निर्णय लिया था. 2009 में केंद्रीय वि.वि. अधिनियमम पास हुआ. तत्कालीन मंत्री ने कहा हम बिहार में भी सेंट्रल युनिवर्सिटी बनाएंगे. उस समय भी हम सीएम थे ये जो सामने साथी बैठे (समारोह में मौजूद बीजेपी के सांसद और नेता) हैं. तब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी. जमीन देने की बात हुई. उस दौरान मैंने इस यूनिवर्सिटी की डिमांड की. मैंने कहा कि बिहार में जो आप राष्ट्रीय स्तर पर जो यूनीवर्सिटी बना रहे हैं. उसके अलावा एक और सेंट्रल यूनीवर्सिटी अलॉट कर दीजिए. जो चंपारण में यानी बापू की कर्मभूमि में हो. उन्होंने (तत्कालीन मंत्री) कहा कि यहां नहीं गया में बनाएंगे. फिर बाते हुईं. पर रफ्तार से काम नहीं हुआ. 2014 में केंद्र की सरकार बदली तो मेरे सुझाव पर अमल हुआ. यहां 2016 से काम शुरू हुआ. आज पहले दीक्षांत समारोह में मैं आपका स्वागत कर रहा हूं और इस विश्वविद्धालय के लिए काम करने वाले सभी लोगों का आभार जताता हूं.’