Trade License: RTO रोक रहा डीलरों के ट्रेड लाइसेंस, कारोबार पर भी पड़ रही चुनाव की मार
Trade License: RTO रोक रहा डीलरों के ट्रेड लाइसेंस, कारोबार पर भी पड़ रही चुनाव की मार । नवरात्र से दशहरा और दिवाली वाहन की बिक्री के लिहाज से साल का सबसे बड़ा सीजन और मौका होता है। आचार संहिता के नाम पर आरटीओ का यह आदेश अब कारोबारियों के लिए बड़ा झटका साबित होता दिख रहा है।
नौ अक्टूबर से आचार संहिता लागू हुई थी जो निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न होने तक जारी रहेगी। इस दौरान नवरात्र, दशहरा, दिवाली भी निकल जाएंगे। प्रत्येक वाहन विक्रेता के लिए नियमानुसार यह जरूरी होता है कि वह कारोबार शुरू करने से पहले आरटीओ से अपना ट्रेड लाइसेंस ले। इसके बाद ही वह गाड़ियों की बिक्री कर सकता है।
इसके लिए प्रक्रिया आनलाइन होती है और तय फीस व दस्तावेज जमा करवाकर लाइसेंस जारी कर दिया जाता है। हर वर्ष फीस भर इसका नवीनीकरण भी होता है। आचार संहिता के दौरान ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाई जाती है जिससे किसी उम्मीदवार को लाभ मिल सकता है या मतदाताओं का प्रभावित किया जा सकता है। हैरानी है कि वाहन बिक्री के डीलर के कारोबार को भी आचार संहिता के नाम पर रोका जा रहा है। ऐसे में तमाम नए शो रूमों में बिक्री शुरू नहीं हो पा रही है।
आवेदन फीस लेने के बाद रोका
इंदौर में विदेशी मोटरसाइकिल का शोरूम शुरू कर चुके कारोबारी भी ट्रेड लाइसेंस के लिए परेशान हो रहे हैं। आरटीओ में आनलाइन आवेदन, फीस जमा करने के बाद अब कारोबारियों को लाइसेंस जारी नहीं किया जा रहा, जबकि फीस जमा करने से लेकर आवेदन तक की प्रक्रिया भी आचार संहिता से पहले पूरी की जा चुकी थी।
ऐसे में जिन वाहनों की वे पहले बुकिंग कर चुके थे, उसकी डिलीवरी नहीं दे पा रहे हैं। क्षेत्रीय परिवहन विभाग के ट्रेड लाइसेंस शाखा के अधिकारी अमित यादव के अनुसार उन्हें क्षेत्रीय अधिकारी ने निर्देश दिया है इसलिए ट्रेड लाइसेंस रोक दिए गए हैं। सिर्फ पुराने लायसेंसों का नवीनीकरण किया जा रहा है।
परिवहन मुख्यालय से मिले निर्देशों के अनुसार ही प्रक्रिया की जा रही है। परिवहन आयुक्त ने निर्देश जारी किया है कि नए ट्रेड लाइसेंस जारी नहीं किए जाए। इसलिए सिर्फ पुराने ट्रेड लाइसेंसों का नवीनीकरण ही किया जा रहा है।
-प्रदीप कुमार शर्मा, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी
आचार संहिता ऐसे प्रकरणों पर लागू होती है जो चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं। ये अधिकारियों की मनमानी ही है कि ट्रेड लाइसेंस रोक दिए जाएं। जबकि आचार संहिता किसी तरह के कारोबार पर रोक नहीं लगाती। हम उच्च स्तर पर शिकायत कर रहे हैं।
-रमेश खंडेलवाल, सदस्य, नेशनल ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड भारत सरकार