Chandra Grahan 2023: साल का अंतिम चंद्रग्रहण शरद पूर्णिमा की रात, जानिए राशियों पर प्रभाव
Chandra Grahan 2023 चंद्रमा की शीतल रोशनी में बनने वाली खीर भी इस बार ग्रहण के कारण मध्यरात्रि में नहीं बन पाएगी। ऐसे में ग्रहण समाप्ति के बाद ही खीर बना सकेंगे। ऐसा नौ वर्ष बाद हो रहा है।
शरद पूर्णिमा का पर्व चंद्रग्रहण के साये में मनाया जाएगा। इस दिन चंद्रग्रहण रहेगा, जो भारतवर्ष में दिखाई देगा। चंद्रग्रहण मध्यरात्रि में पड़ेगा और इसका सूतक दोपहर बाद से ही प्रारंभ हो जाएगा। ऐसे में शरद पूर्णिमा पर पूजा अर्चना सहित अन्य कार्यक्रम दिन में ही आयोजित किए जाएंगे।
पंडित विष्णु राजौरिया और पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि यह ग्रहण अश्विनी नक्षत्र एवं मेष राशि पर होगा। ग्रहण का प्रारंभ ईशान कोण से होगा और मोक्ष चंद्रमा के अग्नि कोण पर होगा। एक पखवाड़े में दो ग्रहण शुभ नहीं माने जाते हैं।
खीर पर भी ग्रहण
सर्वपितृमोक्ष अमावस्या के दिन 14 अक्टूबर को सूर्यग्रहण रहेगा, जबकि शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को चंद्रग्रहण रहेगा। सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए हमारे यहां न तो इसका कोई सूतक मान्य होगा और न ही कोई दोष लगेगा, इसलिए पितृमोक्ष अमावस्या के दिन सभी प्रकार के आयोजन निर्विर्घ्न होंगे।
इसी प्रकार शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण लगेगा, जो भारतवर्ष में दिखाई देगा। इस ग्रहण का सूतक दोपहर बाद से प्रारंभ होगा जो मध्यरात्रि के बाद तक रहेगा। इस दिन रात्रि में मंदिरों के पट बंद रहेंगे, मंदिरों में भजन कीर्तन तो होंगे, लेकिन खीर का भोग नहीं लगेगा।
कबसे कब तक
ग्रहण का स्पर्श रात्रि 1:05 बजे
ग्रहण का मध्य रात्रि 1:44 बजे
ग्रहण का मोक्ष रात्रि 2:24 बजे
ग्रहण का सूतक दोपहर 4:05 बजे
शुभ-कर्क, मिथुन, वृश्चिक, धनु, कुंभ
मध्यम-सिंह, तुला, मीन
अशुभ-मेष, वृष, कन्या, मकर