Vasudha Abhiyan: पुलिस और महिलाओं के बीच की कड़ी बनेंगी वसुधा दीदी, गांव में साक्षर महिलाओं की होगी विशेष तैनाती
झाबुआ। मध्य प्रदेश महिला अत्याचार की जानकारी तेजी से जवाबदारों तक पहुंचाने के लिए जिले में अभिनव पहल की जा रही है। इस पहल को ‘वसुधा अभियान’ नाम दिया गया है। इसके तहत कोटवार की तरह गांव-गांव में साक्षर महिलाओं की विशेष तैनाती की जा रही है। यह महिलाएं गांव में किसी भी तरह के महिला उत्पीड़न का मामला होने पर तत्काल जिला स्तर पर सूचना देगी। जहां साक्षर महिला नहीं मिलेगी, वहां किसी लड़की को या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को उक्त दायित्व दिया जाएगा।
22 सितंबर से उक्त अभियान शुरू कर दिया है। अब तक 200 गांव की महिलाओं को इसके तहत जोड़ा जा चुका है। पुलिस अधीक्षक अगम जैन के निर्देशन में यह नवाचार किया जा रहा है। महिलाओं को ही महिला प्रताड़ना रोकने की जवाबदारी देने वाला जिला संभवत पहला जिला बनने जा रहा है।
इनको मिली है जवाबदारी
महिला सेल की डीएसपी वर्षा सोलंकी को इस अभियान के तहत महिलाओं को गांव-गांव में जोड़ने का कार्य दिया गया है। महिला थाना प्रभारी व अजाका थाना प्रभारी को सहायक नोडल अधिकारी बनाया गया है।
नजर रखेंगी
दहेज दापा, शराबखोरी, घरेलू हिंसा, डायन प्रथा आदि से जुड़ी सूचनाएं पुलिस तक वसुधा दीदी भेजेंगी। उनको वसुधा दीदी कहा जा रहा है, जिनकी विशेष नियुक्ति पुलिस कोटवार की तर्ज पर गांवों में कर रही है। यह सूचना संबंधित थाना क्षेत्र, महिला थाना प्रभारी व पुलिस कंट्रोल रूम तक पहुंचाई जाएगी।
इससे यह होंगे लाभ
- महिला अत्याचार पर अंकुश लगेगा।
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सूचना ग्रामीण क्षेत्र से एकदम आएगी।
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पुलिस की पहुंच बढ़ेगी।
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महिला सशक्तिकरण को बल मिलेगा।
यह दिक्कत
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं पर तरह-तरह से अत्याचार होता है। लेकिन गांव के स्तर पर ही वह दब जाते है। उनके पक्ष में कोई आवाज नहीं उठती। अब यह दिक्कत दूर होगी।