खाकी के डर से तालाब में कूदा युवक, पुलिस औऱ दोस्तों के सामने डूब गया, 100 डायल वाहन पर गम्भीर आरोप
Katni Breaking (विवेक शुक्ला/रोहित सेन) कटनी के माधवनगर थानांतर्गत निवार चौकी के तहत आने वाले ग्राम कुलुआ बड़खेरा से एक ऐसी खबर मिली है जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। दरअसल ग्राम कुलुआ बड़खेरा में आज सुबह गांव के ही एक तालाब में एक आदिवासी युवक का शव निकाला गया। इस युवक का नाम अनिल कोल पिता दयाराम उम्र लगभग 34 वर्ष था। आप पढ़ रहे हैं yashbharat.com की खोजी खबर।
आरोप है कि अनिल कोल पुलिस के 100 डायल वाहन के भय से तालाब में कूद गया, उससे तैरते नहीं बनता था लिहाजा वह गहरे पानी मे डूब गया लेकिन यह सब कुछ गांव के कुछ लड़कों तथा पुलिस वालों के सामने घटित हुआ जिनको कतिथ तौर पर 100 डायल वाहन ने जुआ खेलते पकड़ा था। खास बात यह है कि पकड़े गए युवकों ने 100 डायल में मौजूद पुलिस वालों से अनिल कोल के तालाब में कूदने तथा उसके डूबने से बचाने के लिए कहा लेकिन 100 डायल में मौजूद पुलिस वालों ने इन लड़कों की नहीं सुनी। जब अनिल कोल डूब गया तो पकड़े गए युवकों को 100 डायल वाहन के पुलिस वालों ने छोड़ दिया और खुद वहां से भाग खड़े हुए। सुबह इस घटना की जानकारी गांव में लगी तब हड़कंप मचा।
आदिवासी श्रमिक को तालाब के पास रुकना मंहगा पड़ा
बताया गया कि गांव में ही बन रहे एक मकान में बतौर श्रमिक अनिल कोल 26 सितंबर की शाम को काम से वापस घर जा रहा था। बीच मे पड़ने वाले तालाब में वह नहाने के लिए रूक गया। तालाब के पास ही तीन चार युवक ताश खेल रहे थे। इसी बीच अचानक यहां पुलिस का 100 डायल वाहन आ गया तथा युवक भागने लगे। पुलिस और लड़कों को भागता देख अनिल कोल जो तालाब के किनारे खड़ा था उसने भी पानी मे छलांग लगा दी। इस बीच एक युवक वीरन कोल को पुलिस वालों ने पकड़ लिया।
युवक ने बताया कि अनिल से तैरते नहीं बनता पर पुलिस ने नहीं सुनी
वीरन अनिल को तालाब के गहरे पानी मे जाते हुए देख रहा था उसे यह भी पता था कि अनिल कोल को तैरना नहीं आता अतः उसने यह बात पुलिस वालों को बताई साथ ही यह भी कहा कि उसे छोड़ दें ताकि वह अनिल को डूबने से बचा सके पर 100 डायल वालों ने बीरन की एक न सुनी। कुछ देर में अनिल गहरे पानी मे समा गया जब वह नजर नहीं आया तो पुलिस वालों ने वीरन को छोड़ दिया तथा वहां से रफूचक्कर हो गए। इस घटना का समय सायं साढ़े 4 बजे करीब का है। वीरन भाग कर गांव आया और पूरी खबर गांव वालों व अनिल कोल के परिवार को दी तब तक अंधेरा हो चुका था रात भर लोग तालाब के पास बैठे रहे पुलिस भी मौजूद थी सुबह गोता खोरों की मदद से अनिल का शव निकाला गया लेकिन रात में ही पुलिस ने गांव वालों को वास्तविक घटना का जिक्र करने से भय दिखा कर रोक दिया पर गांव में यह बात फैल गई थी। आज पोस्टमार्टम के बाद आदिवासी युवक का शव परिजनों को सौंपा गया इसी बीच वह लड़का सामने आया जो घटना के वक्त यहां मौजूद था।
अब कई सवाल उठे
कुल मिलाकर अब कई सवाल उठे हैं कि डायल 100 वाहन गांव में बिना किसी सूचना के कैसे पहुंची। जब वीरन पुलिस वालों से अनिल को बचाने की गुहार लगा रहा था तब पुलिसकर्मियों ने उसकी बात पर यकीन क्यों नहीं किया। रात में ही पुलिस वालों ने शव को खोजने के प्रयास क्यों नहीं किये मतलब साफ है पुलिस कतिथ तौर पर गांव में वसूली के लिए घूम रही थी जो इस घटना के बाद चुप्पी साध ली। वैसे पिछले कई दिनों से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनमे किसी थाने की पुलिस किसी और थाने के क्षेत्र में पहुंच कर कहीं किसी को डरा धमका रही तो कहीं मामले दर्ज कर रही। घटना काफी गम्भीर है जिसमे एक आदिवासी युवक की मौत हो गई। गांव वालों तथा मृतक के परिजनों ने इसकी जांच औऱ दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
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