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Shankracharya Moorti Anawaran: CM शिवराज सिंह चौहान करेंगे आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची भव्य मूर्ति का अनावरण, Ekatamdham

Shankracharya Moorti Anawaran: CM शिवराज सिंह चौहान करेंगे आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची भव्य मूर्ति का अनावरण, Ekatamdham

जी-20 के सफलतम आयोजन में विश्व को ‘एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य’ का संदेश देने वाला भारत आज फिर विश्व को एकात्मकता का संदेश देगा।

– महा-महोत्सव में उपस्थित रहेंगे 5000 साधु, संत, संन्यासी, आचार्य व 1000 विद्वतजन
– सनातन के ललाट पर आज लगेगा ‘एकात्म धाम’ का मंगल तिलक
– मूर्ति निर्माण के लिए 27000 पंचायतों से एकत्रित की गई हैं विभिन्न प्रकार की धातुएं

इस बार यह संदेश मध्य प्रदेश स्थित ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर की तीर्थ नगरी से दिया जाएगा। गुरुवार को यहां एक भव्यातिभव्य आयोजन में विश्व को एकात्मता का संदेश देने वाले आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची मूर्ति का अनावरण होगा।

सनातन धर्म के ललाट पर ‘एकात्म धाम’

5000 साधु, संत, संन्यासियों, आचार्य व महामंडलेश्वर तथा 1000 विद्वतजनों की उपस्थिति में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मूर्ति का अनावरण करेंगे। यह अनावरण सनातन धर्म के ललाट पर ‘एकात्म धाम’ के रूप में एक मंगल तिलक होगा। इस विराट प्रतिमा को नर्मदा नदी के तट पर ओंकारेश्वर में स्थित मांधाता पर्वत के शिखर पर स्थापित किया गया है। इसके निर्माण के लिए 27000 पंचायतों से विभिन्न धातु एकत्रित की गई हैं।

पूज्य संतों द्वारा वैदिक यज्ञ अनुष्ठान में आहुति

मुख्यमंत्री चौहान आज प्रात: 11 बजे धार्मिक परंपराओं के अनुसार साधु-संतों और विद्वतजनों का स्वागत करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री और पूज्य संतों द्वारा वैदिक यज्ञ अनुष्ठान में आहुति दी जाएगी। इस अवसर पर देशभर की शैव परंपरा के नृत्यों की प्रस्तुतियों के साथ ही भारतीय प्रदर्शनकारी शैलियों के कलाकारों द्वारा आचार्य प्रवर्तित पंचायतन पूजा परंपरा का प्रस्तुतीकरण होगा।

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इसके पश्चात एकात्मता की मूर्ति का अनावरण किया जाएगा। इसी दौरान मांधाता पर्वत पर बनने वाले अद्वैत लोक का भूमि एवं शिला-पूजन किया जाएगा। 101 बटुकों द्वारा वेद मंत्रों के उच्चार व शंखनाद के बीच मुख्यमंत्री चौहान और पूज्य संत एकात्मता की मूर्ति के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।

ब्रह्मोत्सव में होगा संतों का विमर्श

मूर्ति अनावरण के बाद विद्वानों व संतों का विमर्श ‘ब्रह्मोत्सव’ होगा। यह वैचारिक आयोजन ओंकारेश्वर में ही स्थित सिद्धवरकूट पर होगा। इसमें शंकर संगीत वेदोच्चार, आचार्य शंकर के स्त्रोतों पर एकाग्र समवेत नृत्य प्रस्तुति “शिवोहम” तथा आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास द्वारा प्रकाशित “एकात्म धाम” और अद्वैत युवा जागरण शिविर आधारित पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा। “एकात्मता की यात्रा” फिल्म का प्रदर्शन भी होगा। ब्रह्मोत्सव में दोपहर को संत विमर्श और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संबोधन होगा। इसमें लगभग पांच हजार संत-मनीषियों और विशिष्टजनों का समागम होगा।

उत्तरकाशी के संन्यासियों द्वारा किया जाएगा पारायण

आदिगुरु शंकराचार्य की मूर्ति के अनावरण से पहले मांधाता पर्वत पर उत्तराखंड के पवित्र नगर उत्तरकाशी के स्वामी ब्रहोन्द्रानन्द तथा 32 संन्यासियों द्वारा प्रस्थानत्रय भाष्य पारायण किया जाएगा। साथ ही दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरी शारदापीठ के मार्गदर्शन में देश के लगभग 300 विख्यात वैदिक आर्चकों द्वारा वैदिक रीति पूजन तथा 21 कुंडीय हवन होगा। स्टेच्यू आफ वन-नेस (एकात्मकता का संदेश देती आदिगुरु शंकराचार्य की मूर्ति) का अनावरण और अद्वैत लोक का भूमि एवं शिला-पूजन दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरी शारदापीठ के मार्गदर्शन में होगा।

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आदि गुरु की जन्म भूमि की पूजन परंपरा का होगा पालन

आदिगुरु शंकराचार्य का जन्म केरल में हुआ था, इसलिए एकात्म धाम में प्रतिमा अनावरण में पधारे संतों का स्वागत भी केरल की पारंपरिक मंगल पद्धति के अनुसार होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वैदिक यज्ञ अनुष्ठान में आहुति देंगे। साथ ही देशभर के शैव परंपरा के नृत्यों की प्रस्तुति भी होगी। वेद मत्रों का उच्चारण, शंखनाद व पंचायतन पूजा भी की जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान आचार्य शंकर की प्रतिमा के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित करेंगे व उपस्थित महामंडलेश्वर, संत, संन्यासी आचार्य का आशीर्वाद लेंगे।

इन संतों का बुधवार को हुआ आगमन

महाआयोजन के लिए बुधवार को 600 विशिष्ट मेहमान इंदौर पहुंचे, जिनमें 400 वीवीआइपी हैं। स्वामी अवधेशानंद जी महाराज, आनंदमयी गुरु माता, स्वामी स्वरूपानंद महाराज, परमानंद गिरी महाराज, स्वामी हरि गिरी महाराज व महंत रवींद्र पुरी महाराज इंदौर पहुंचे। स्वामी अवधेशानंद गिरी जी शाम को ही इंदौर से ओंकारेश्वर प्रस्थान कर गए।

 

ऐसा अति विशिष्ट है एकात्म धाम

  • 108 फीट ऊंची है आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा

  • 11 वर्ष की आयु वाले स्वरूप में विराजेंगे आदिगुरु

  • अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित की जाएगी ओंकारेश्वर नगरी

  • देशभर से 5000 से अधिक संत, संन्यासी, साधु, महामंडलेश्वर, आचार्य और 1000 विद्वतजन होंगे शामिल

  • प्रतिमा निर्माण के लिए 27 हजार ग्राम पंचायतों से एकत्रित की गई है विभिन्न प्रकार की धातु।

  • दूसरे चरण में 36 हेक्टेयर में विकसित किया जाएगा अद्वैत वन, जिसमें होंगे भारत भर के औषधीय पौधे।

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श्री महाकाल महालोक और अब एकात्म धाम

मध्य प्रदेश स्थित ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन में 11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नव्य-भव्य श्री महाकाल महालोक का लोकार्पण किया था। उसके बाद से महाकाल के इस लोक को देखने हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन पहुंच रहे हैं।

श्रावण मास में तो यह आंकड़ा प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालुओं तक पहुंचा था। श्री महाकाल महालोक के बाद अब मप्र में स्थित एक और ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर की नगरी में आज आद्यगुरु शंकराचार्य की मूर्ति के अनावरण के साथ ही एकात्म धाम स्थापित होगा।

मूर्ति अनावरण के साथ ही मुख्यमंत्री चौहान द्वारा अद्वैत वन, साधना केंद्र सहित एकात्म धाम के तहत बनने वाले कई प्रकल्पों का शिलान्यास भी किया जाएगा। मूर्ति स्थापना के बाद के चरणों में एकात्म धाम के अन्य प्रकल्प बनकर तैयार होते रहेंगे।

नर्मदा नदी के समीप स्थित पर्वत पर आकार ले रहा यह एकात्म धाम भारत ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व के सनातन धर्मावलंबियों, धर्म-शोधार्थियों, आचार्यों, साधु-संतों की साधना का केंद्र बनेगा।