महिला आरक्षण बिल 2023: मध्यप्रदेश में ऐसी हो सकती है स्थिति, कई पुरूष नेताओं के अरमानों पर फिर सकता है पानी
महिला आरक्षण बिल 2023 अगर पास होता है तो मध्यप्रदेश में हो सकती है ऐसी स्थित जिसे सोचकर पुरूष नेता परेशान हैं। चिंता राजनीतिक दलों की यह है कि कई जगह तो उनके पास महिला नेत्री ही नहीं हैं। आइये जानते हैं आंकड़े क्या फ़र्क डालते हैं।
राजनीति में आधी आबादी की 33 प्रतिशत भागीदारी यदि सुनिश्चित हो गई तो मध्य प्रदेश के अगले विधानसभा में 76 महिला विधायकों की जीत तय है। साल 2018 के चुनाव में मध्य प्रदेश में महिला विधायकों की संख्या सिर्फ 21 थी। इस चुनाव में बीजेपी ने सिर्फ 10 प्रतिशत, तो कांग्रेस 12 प्रतिशत महिलाओं को ही टिकट दिया था, जबकि सूबे में महिला वोटरों की संख्या तकरीबन 48 प्रतिशत हैं। अगर संसद के विशेष सत्र में लोकसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का बिल पास होता है तो इसका असर मध्य प्रदेश सहित पांच राज्यों में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव में भी पड़ेगा।
230 में से 76 महिला विधायक विधानसभा तक पहुंचेंगी
मध्य प्रदेश में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण लागू होने के बाद जो फार्मूला तय होगा, उस हिसाब से 230 में से 76 महिला विधायक विधानसभा तक पहुंचेंगी। अभी प्रदेश में सभी राजनीतिक दलों की तरफ से सिर्फ 21 महिला विधायक हैं। इनमें बीजेपी की 11, कांग्रेस की 9 और एक बसपा से हैं। अब आधी आबादी के वोट को हासिल करने के लिए राजनीतिक लड़ाई और तेज होगी। राजनीतिक दल ‘लाडली बहन’ और ‘नारी सम्मान’ जैसी अपनी योजनाओं पर तीखा प्रचार अभियान शुरू करेंगे।
ये आंकड़े भी जानना जरूरी
- चुनावी आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी ने साल 2003 में 18 महिला प्रत्याशी मैदान में उतारे थे, जिनमें से 15 को जीत मिली थी। 2008 के चुनाव में पार्टी ने 23 महिलाओं को टिकट दिया, जिनमें से 15 जीत कर विधानसभा पहुंचीं।
- साल 2013 के चुनाव में बीजेपी ने फिर से 23 महिलाओं को टिकट दिया, जिनमें से 17 ने जीत हासिल की। साल 2018 के चुनाव में बीजेपी ने 24 महिलाओं को टिकट दिया और उनमें से 11 ने जीत हासिल की, जबकि 13 पराजित हो गईं।
- कांग्रेस ने साल 2003 के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा 34 महिलाओं को टिकट दिया था, लेकिन इनमें से सिर्फ तीन ही जीत हासिल कर सकीं। साल 2008 के चुनाव में कांग्रेस ने 28 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा, जिनमें से 6 को विजय हासिल हुई।
- साल 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने महिला उम्मीदवारों की संख्या घटाते हुए 23 को टिकट दिया और फिर से 6 महिला उम्मीदवार जीत कर विधानसभा पहुंचीं। 2018 के चुनाव में एक बार फिर महिला उम्मीदवारों की संख्या बढ़ाते हुए कांग्रेस ने 28 महिलाओं को टिकट दिया जिनमें से 9 ने जीत हासिल की।
- मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीट है। इनमें 10 महिलाओं के लिए आरक्षित है। जबकि विधानसभा की 230 सीट है। इनमें महिलाओं के लिए 76 सीट आरक्षित है।
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