katni sent pal school case सेंटपॉल स्कूल मामले में अभिभावकों ने लगाए प्राचार्य पर आरोप
katni sent pal school case कटनी में सेंटपॉल स्कूल से 2 छात्रों को निष्कासित करने का मामला तूल पकड़ रहा है। कलेक्टर ने स्कूल को सील कर दिया था वहीं स्कूल प्रबंधन भी अपने निर्णय को वापस लेने तैयार नहीं था। हालांकि जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की चर्चा के बाद इसका निराकरण होने की खबर है। इस बीच कल बच्चो के अभिभावकों ने पत्रकारों से चर्चा कर कई आरोप मढ़े।
बता दें कि आज से कुछ समय पूर्व पिछले महीने की दिनांक 22/07/2023 दिन शनिवार को सेंट पॉल स्कूल में अध्यनरत 11 बच्चे घूमने गए थे जिन्होंने अपने फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए थे वायरल होने के पश्चात स्कूल प्रबंधन के प्राचार्य ने एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए 11 में से दो बच्चों को बिना किसी सुनवाई का अवसर लेते हुए बिना युक्ति युक्त कारण के स्कूल से निष्कासित करते हुए उन्हें T c दस्तावेज वापस कर दिए, प्राचार्य के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की गई जिस पर कई सवाल उठाए गए परंतु किसी भी सवाल का जवाब प्राचार्य देने में संतुष्ट नहीं कर सके।
प्राचार्य ने बच्चों के निजी जीवन में अनावश्यक अतिक्रमण करने का प्रयास किया, किसी भी निजी जीवन में हस्तक्षेप करने का अधिकार प्राचार्य को अथवा स्कूल प्रबंधन को प्राप्त नहीं है।
वहीं प्राचार्य से कई मर्तबा संपर्क किया गया उनके द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया, जिला कलेक्टर को एवं जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायतें प्रस्तुत की गई थी जिस पर कार्रवाई करते हुए स्पेशल टीम गठित की गई जिसमें शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में पूरी घटना पर जांच की गई प्राचार्य को सुनवाई का मौका दिया गया। प्राचार्य ने जो झूठ आप बच्चों पर लगाए थे उसके संबंध में साक्ष्य और गवाह प्रस्तुत करने का मौका उसे दिया गया परंतु प्राचार्य ने कोई भी तर्कसंगत जवाब नहीं दिया। कोई साक्षी प्रस्तुत नहीं किया। कोई गवाह भी प्रस्तुत नहीं किया। जांच दल ने प्राचार्य के सभी आरोपी को खंडित अनर्गल घोषित करते हुए दोनों बच्चों को तत्काल प्रभाव से स्कूल में वापस प्रवेश देने के आदेश दिए उसके पश्चात भी प्राचार्य ने दोनों बच्चों को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया गया।
बच्चों के अभिभावकों ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश की अवमानना करने के आरोपी प्राचार्य है दो बच्चों के जीवन को खराब करने के आरोपी भी प्राचार्य ही है दोनों बच्चे अभी नाबालिक हैं प्राचार्य के द्वारा की जा रही कार्रवाई से मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। विषय अत्यंत गंभीर है इस विषय में प्रशासन के द्वारा जो कार्रवाई अपने स्तर पर की जा रही है जो पूरी तरह से विधि अनुसार है। अभिभावकों ने यही मांग है कि प्राचार्य है हठधर्मिता को छोड़े और बच्चों को स्कूल में वापस एडमिशन दें।