Katni Ganeshotsav 2023 कल घर-घर विराजेंगे गौरीनंदन श्रीगणेश, 10 दिनों तक होगी आराधना, बच्चों युवाओं की प्रतिमा दुकानों में भीड़
Katni Ganeshotsav 2023।
जिले के सबसे प्रमुख गणेश उत्सव की कल 19 सितंबर से शुरुआत होगी। इसके लिए जगह-जगह पर तैयारी शुरू हो गईं हैं और पंडाल लग रहे हैं। शहर में दुकानें भी सज गई हैं। पसंदीदा मूर्तियों को लेेने लोग कारीगरों व दुकानदारों के पास पहुंच रहे हैं। एडवांस बुकिंग कर रहे हैं।कार, ट्रक, पिकअप, मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर-ट्रॉली व ट्रेनों के माध्यम से ले जाने लगे हैं। मधई मंदिर के पुजारी बिहारी चतुर्वेदी का कहना है कि इस बार गणेश चतुर्थी का त्योहार 19 सितंबर को मनाया जाएगा। तीन तिथि को भी पर्व की धूम रहेगी। मंगलवार को सुबह 11 बजकर 7 मिनट से 1 बजकर 34 मिनट तक गणपति की स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त रहेगी।
शहर में कई जगह होगी स्थापना
शहर में गणेश चौक में सबसे अधिक धूमधाम से पर्व मनाया जाता है। इसके अलावा जालपा मढिय़ा, रघुनाथ गंज रोड, शेर चौक, एनकेजे, माधवनगर, खिरहनी, पुरानी बस्ती, नई बस्ती, झर्राटिकुरिया, जुहला, जुहली, दुर्गा चौक खिरहनी, छपरवाह सहित कई स्थानों में मूर्ति की स्थापना की जाती हैं।
इन सभी स्थानों पर तैयारी भी शुरू हो गई हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई जगहों पर गणेश की स्थापना होती हैं। शहर में कई जगहों पर बंगाल से आए कारीगर मूर्तियां बनाने में लगे हुए हैं। इनकी संख्या भी लगभग 30 से अधिक हैं। इसमें 20 कारीगर लगभग बड़े हैं जबकि 10 से अधिक छोटे कारीगर हैं। 10 से 12 फीट ऊंची मूर्तियां बनाई जा रही हैं। माई नदी के आगे गायत्री मंदिर के पास, पुत्री शाला, घंटाघर, कुठला, झिंझरी आदि में मूर्तिया का निर्माण हो रहा है।
पड़ोसी जिलों में भी जाती हैं शहर में बनी मूर्तियां
शहर में बंगाल के कारीगरों के हाथ से तैयार हो रहीं गणपति की मूर्तियां शहर में विराजित तो होती ही हैं। साथ ही सिंगरौली, ब्यौहारी, उमरिया, प्रयागराज भी जाती हैं। इसके अलावा बरही, कैमोर, विजयराघवगढ़, बड़वारा सहित दूसरे जिले में भी जाती हैं।
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