Bambai Meri Jaan Review: इंडिया के ‘मोस्ट वांटेड’ की कहानी का नया संस्करण, ड्रामा है और इमोशन भी
Bambai Meri Jaan Review: इंडिया के ‘मोस्ट वांटेड’ की कहानी का नया संस्करण, ड्रामा है और इमोशन भी मुंबई अंडरवर्ल्ड सिनेमा को लगातार आकर्षित करता रहा है. हाजी मस्तान, वरदराजन मुदलियार और करीम लाला से लेकर 1980 के दशक में दाऊद इब्राहिम के उदय तक. लेकिन आगे जाकर अंडरवर्ल्ड की यह तस्वीर भयानक हुई और इसमें देशद्रोह तथा आतंकवाद जुड़ गया
अमेजन प्राइम पर आई वेब सीरीज बंबई मेरी जान दाऊद इब्राहिम की रीयल लाइफ से प्रेरित है. इसमें इमोशन, ड्रामा, एक्शन के बहुत सारे तड़के लगे हैं. मूल रूप से यह क्राइम थ्रिलर है, जिसमें फैमिली वाला इमोशन पैदा किया गया है. सीरीज में 10 एपिसोड हैं. प्रत्येक करीब 36 मिनट से 56 मिनट के बीच. सीरीज का हीरो दारा कादरी (अविनाश तिवारी) है. जिसके पिता पुलिस अधिकारी रहे हैं. मगर दारा अपराधी बन गया
कहानी 1986 के बॉम्बे में शुरू होती है, जहां दारा को पता चलता है कि पुलिस उसे गिरफ्तार करने आ रही है और उनके पास भागने के लिए एक घंटा है. उसके पिता इस्माइल कादरी भारत छोड़ने के लिए तैयार नहीं. वह साफ कहते हैं कि अगर मजबूर किया, तो खुद को गोली मार लेंगे. सीरीज पिता-पुत्र के बीच गहरे वैचारिक मतभेदों को सामने लाते हुए, कहानी का इमोशनल ट्रेक तय कर देती है
सीरीज शुजात सौदागर ने डायरेक्ट की है. यह उनका डेब्यू है. कहानी में फ्लैशबैक भी हैं. पहले तीन एपिसोड इस्माइल कादरी के बारे में हैं. जो बताते हैं कि इस्माइल कैसे एक ईमानदार पुलिस अधिकारी के रूप में शुरुआत करते हुए, अंततः हाजी हुए
इमोशनल संबंध
वेब सीरीज बताती है कि कैसे एक सामान्य व्यक्ति आपराध की दुनिया में अपने रास्ते बनाता है. शुजात की बंबई मेरी जान इस अर्थ में अलग हो जाती है कि यहां रीयल लाइफ किरदारों के बीच काफी इमोशनल संबंध दिखाए गए हैं. खास तौर पर पिता-पुत्र का रिश्ता. दोनों के मतभेदों को सैद्धांतिक बनाया गया है. मगर कहानी में मां, बहन, भाई, दोस्त और कुछ वफादार किरदार भी अपनी-अपनी जगह बनाने में कामयाब हैं. दारा की मां सकीना इस्माइल कादरी (निवेदिता भट्टाचार्य) और बहन हबीबा (कृतिका कामरा) को भी यहां पर्याप्त जगह मिली है
/21679346709/yashbharat_side_2