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ACC लाखेरी प्लांट में उत्पादन ठप ! सीमेंट उद्योग के हेरिटेज केटेगिरी में था 106 साल पुराना प्लांट

कटनी/ कैमोर

राजस्थान के लाखेरी में स्थित सीमेंट सीमेंट प्लांट में उत्पादन कार्य बीते 1 सितम्बर से बन्द कर दिया गया है। बताया जा रहा कि लाइम स्टोन के उत्खनन और परिवहन की बढ़ती लागत के कारण मैन पॉवर कम करने के उद्देश्य से अडानी सीमेंट प्रबंधन के उच्चाधिकारियों के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है।

प्लांट बंद हो जाने से यहां काम करने वाले स्थायी श्रमिकों, कर्मचारियों और अधिकारियों के सामने रोज़गार का संकट खड़ा हो गया है। सभी असमंजस में हैं,लाखेरी प्लांट प्रबंधन कुछ भी जवाब देने की स्थिति में नहीं है।
गौरतलब है कि लाखेरी स्थित एसीसी का सीमेंट प्लांट कैमोर सीमेंट प्लांट से भी पुराना है।

 

कैमोर में सीमेंट प्लांट की स्थापना 1923 में हुई थी जबकि लाखेरी प्लांट में 1917 से ही उत्पादन प्रारंभ हो गया था। यह राजस्थान का पहला सीमेंट प्लांट था जो 106 साल से निरंतर उत्पादन दे रहा था। कोविड महामारी के कुछ महीनों को छोड़ दें तो 106 सालों में यह प्लांट कभी बन्द नहीं हुआ। 1917 में निक्सन एंड कम्पनी द्वारा यह प्लांट लगाया गया था।

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1936 में यह प्लांट एसीसी में शामिल हो गया था। 2005 – 06 में स्विस कम्पनी होलसिम ने एसीसी और अम्बुजा सीमेंट ग्रुप का स्वामित्व प्राप्त कर लिया था। लगभग 17 साल एसीसी और अम्बुजा पर विदेशी कम्पनी का कब्जा रहा। पिछले साल भारत ही नहीं बल्कि एशिया महाद्वीप के शीर्ष उद्योग पति गौतम अडानी ने 82 हज़ार करोड़ रुपये में होलसिम से एसीसी और अम्बुजा ग्रुप अपने अधीन कर लिया था। तब से लाखेरी सहित एसीसी और अम्बुजा के सभी सीमेंट प्लांट अडानी ग्रुप के स्वामित्व में है।

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पिछले साल कैमोर प्लांट से कई कर्मचारियों – अधिकारियों का तबादला लाखेरी प्लांट किया गया था। अब लाखेरी प्लांट बन्द हो जाने से कैमोर के श्रमिकों और कर्मचारियों में भी चिंता की लकीरें हैं।
लाखेरी प्लांट में कार्यरत कैमोर के श्रमिकों से मिली जानकारी के अनुसार अगस्त महीने से ही लाखेरी प्लांट बंद होने की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी। इसके पीछे उत्पादन की बढ़ती लागत को कारण बताया जा रहा था। अगस्त के अंतिम सप्ताह से प्लांट बंद करने की गतिविधियां सामने आने लगी। अन्ततः 1 सितम्बर से प्लांट से जुड़ी सभी माइंस में उत्खनन बंद कर दिया गया। पत्थर उत्खनन और परिवहन में लगी सभी मशीनें, उपकरण और वाहन खड़े कर दिए गए। माइंस के अलावा क्रेशर,,वी आर एम और किलन भी बंद हो गया। क्लिंकर का उत्पादन पूरी तरह बन्द कर दिया गया। प्रबंधन के अनुसार प्लांट का 60 फीसदी कार्य आगामी आदेश तक बन्द कर दिया गया है। पेयजल,,बिजली आपूर्ति और सुरक्षा विभाग से जुड़े कर्मचारी ड्यूटी पर आ रहे शेष विभागों में फ़िलहाल काम बंद है। अगर भविष्य में प्लांट चालू नहीं होता तो स्थायी श्रमिकों, कर्मचारियों और अधिकारियों को ग्रुप के अन्य प्लांटों में समायोजित किया जा सकता है। बहरहाल लाखेरी प्लांट में फिलहाल उत्पादन ठप है।

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