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Katni Barhi Tiger News : आबादी क्षेत्र में बढ़ता जा रहा बाघों के मूवमेंट, महीने भर में हमले की तीसरी घटना; रिपोर्ट

Katni Barhi Tiger News :

आबादी क्षेत्र में बढ़ता जा रहा बाघों के मूवमेंट, महीने भर में हमले की तीसरी घटना; रिपोर्ट। बांधवगढ़ नेशनल पार्क से लगे आबादी क्षेत्र में बाघों के मूवमेन्ट लगातार बढ़ता जा रहा। अगस्त माह में बरही क्षेत्र के दो लोगों की मौत बाघ के हमले से होने के बाद अब सितम्बर में भी बाघों के हमले जारी हैं।

 

उत्तम सिंह नामक एक प्रौढ़ पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया

बीते 1 सितम्बर को बाघ ने उत्तम सिंह नामक एक प्रौढ़ पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। बरही की सीमा से लगे इंदवार थाना क्षेत्र के ग्राम करहुआ निवासी उत्तम सिंह शाम के समय टहलने के लिए घर से निकले थे जहां झाड़ियों में छुपे बाघ ने एकाएक झपट्टा मारकर उन्हें घायल कर दिया।

ईलाज के लिए कटनी लाया

बाघ उत्तम सिंह को घसीट कर जंगल की ओर ले जाने के प्रयास में था तभी ग्रामीणों का शोर सुनकर वह भाग निकला। बाघ के हमले से गंभीर रूप से घायल उत्तम सिंह को ईलाज के लिए कटनी लाया गया है। यहां एक निजी अस्पताल में उसका उपचार किया जा रहा। बाघ के नाखून उसके गले और जबड़े तक घुस गए थे।

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एक सैकड़ा ग्राम बफर जोन

उल्लेखनीय है कि उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ नेशनल पार्क की सीमा कटनी जिले की बरही तहसील से लगी है। नेशनल पार्क 1532 वर्ग किलोमीटर तक फैला है। इसके कोर एरिया में 10 ग्रामों की बसाहट है जबकि लगभग एक सैकड़ा ग्राम बफर जोन में आते हैं। अक्सर मवेशी चराने या लकड़ियां बीनने ग्रामीण जंगल की सीमा के भीतर चले जाते हैं जहां कई बार वे हिंसक वन्यजीवों के हमलों का निशाना बन जाते हैं।

 

बाघों की संख्या के हिसाब से पार्क का क्षेत्र छोटा

इधर बांधवगढ पार्क में बाघों की आबादी लगातार बढ़ती जा रही। बाघों की संख्या के हिसाब से पार्क का क्षेत्र छोटा पड़ रहा। जंगल में वयस्क हो जाने के बाद अक्सर बाघ अपनी टेरेटरी बना लेते है। अपना इलाका तय कर लेने के बाद बाघ दूसरे बाघ को अपने इलाक़े में प्रवेश नहीं करने देते। इसी वजह से दो वयस्क बाघों के बीच संघर्ष की स्थिति बन जाती है।

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वयस्क बाघ अपना प्रतिद्वंद्वी मानकर उन पर हमला

युवा हो रहे शावकों को भी वयस्क बाघ अपना प्रतिद्वंद्वी मानकर उन पर हमला कर देता है। कई बार बाघिन पर कब्ज़े को लेकर भी बाघों में संघर्ष होता है। बाघों के इन आपसी संघर्षो के बाद अक्सर हारा हुआ बाघ आबादी क्षेत्र की ओर रुख कर लेता है।

 

आबादी क्षेत्र में विचरण करते देखा जा सकता है

शावकों को जन्म देने के बाद बाघिन उन्हें लेकर बाघों से दूर चली जाती है। कई बार बाघिन को शावकों के साथ आबादी क्षेत्र में विचरण करते देखा जा सकता है। अभी हाल ही में विजयराघवगढ़ के बरुआ रोहनिया में एक बाघिन दो शावकों के साथ देखी गई है।

 

जिसकी सूचना मिलने पर पिछले दो दिन से वन अमला उनकी खोज में जुटा है। ग्रामीणों से रात के समय बाहर नहीं निकलने को कहा गया है। ग्रामीण खुद भी बाघिन की दहशत के कारण घरों में कैद हैं।

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हाथियों को साथ लेकर हांका अभियान चला रहा वन अमला

बताया गया कि आबादी क्षेत्रों में बाघों के मूवमेन्ट को रोकने पार्क प्रबंधन और वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से हांका अभियान चलाया जा रहा जिसके तहत आधा दर्जन हाथियों की मदद ली जा रही। ये हाथी आबादी क्षेत्र से बाघों को जंगल की सीमा की ओर ले जा रहे। इस हांका अभियान का भी असर उल्टा पड़ रहा।

 

एक क्षेत्र से भटक कर बाघ दूसरे आबादी क्षेत्र में पहुंच जाते है। बाघों के हमले से ग्रामीणों को बचाने के लिए अब कोर एरिया और बफरजोन से गांवों को खाली कराने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। बाघों की बढ़ती आबादी के चलते बाघों में इलाके को लेकर संघर्ष होता रहेगा। इसके लिए पार्क की सीमा में भी विस्तार जरूरी हो गया है।