Meal For Sena: असम राइफल्स ने जवानों के लिए आहार में शामिल किया बाजरा; कम कर रहे चावल और गेहूं का इस्तेमाल
Meal For Sena: असम राइफल्स ने जवानों के लिए आहार में शामिल किया बाजरा; कम कर रहे चावल और गेहूं का इस्तेमाल असम राइफल्स के जवान धीरे-धीरे अपने आहार से चावल और गेहूं को कम कर रहे हैं और इसकी जगह उच्च फाइबर वाले बाजरा का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि उनका संपूर्ण स्वास्थ्य बढ़ सके। अर्धसैनिक बल के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर ने रविवार को यह जानकारी दी।
असम राइफल्स ने अपने राशन में दस फीसदी बाजरा शामिल किया
अर्धसैनिक बल के महानिदेशक नायर ने बताया कि असम राइफल्स ने अपने राशन में दस फीसदी बाजरा शामिल किया है। उन्होंने कहा,’चावल के स्थान पर हम जौहर, बाजरा और रागी दे रहे हैं और गेहूं के स्थान पर हम उन्हें दलिया दे रहे हैं।’
अक्सर उपेक्षित’ मुख्य भोजन को अपनाया
लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर ने कहा कि जब भारत अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष मना रहा है, असम राइफल्स ने भी भारतीयों के इस ‘अक्सर उपेक्षित’ मुख्य भोजन को अपनाया है। उनके मुताबिक, ‘हम अपने जवानों को चपातियां और खिचड़ी दे रहे हैं। इसके अलावा, हमने विभिन्न चीजों की एक रेसिपी बनाई है जिसे बाजरा से बनाया जा सकता है और हमने इसे अपनी बटालियनों में वितरित किया है।’
हमारे सैनिक 60 साल की उम्र तक सेवा करते हैं
स्वास्थ्य लाभों के बारे में नायर ने कहा, ‘पहले हमारे सैनिकों को चावल और गेहूं दिया जाता था, जिसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत अधिक होती थी और फाइबर की मात्रा कम होती थी। चूंकि हमारे सैनिक 60 साल की उम्र तक सेवा करते हैं, इसलिए बाजरा उन्हें फिट रखने के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है।’
बल बाजरा वितरण को 25 फीसदी तक बढ़ाने पर विचार
लेफ्टिनेंट जनरल नायर ने कहा कि सैनिकों से नए आहार पर शुरुआती प्रतिक्रिया बहुत अच्छी रही है, बल बाजरा वितरण को 25 फीसदी तक बढ़ाने पर विचार कर सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि जवानों को टिन दूध या पाउडर दूध के बजाय जहां भी संभव हो वहां गाय का ताजा दूध परोसा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बल में 40-45 साल से अधिक उम्र के सैनिकों को कम तेल, घी आदि वाले आहार के साथ परोसा जा रहा है।