सावन पुत्रदा एकादशी – 27 अगस्त 2023, रविवार
एकादशी तिथि – 27 अगस्त 2023, प्रातः 12.08
एकादशी तिथि समाप्त – 27 अगस्त 2023, रात 09.32
विष्णु जी पूजा मुहूर्त – सुबह 07.33 से सुबह 10.46 तक
व्रत पारण – सुबह 05.57 से सुबह 08.31 (28 अगस्त तक)
द्वादशी तिथि समापन – 28 अगस्त, शाम 06.22
सावन पुत्रदा एकादशी व्रत नियम
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- एकादशी व्रत के दिन सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए। साथ ही दोपहर और रात्रि में भी जागरण करना चाहिए। विष्णु जी की भक्ती में लीन रहें।
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- एकादशी के दिन मन शुद्ध रखना चाहिए। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
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- इस दिन किसी को भी अपशब्द न बोलें, मन में बुरे विचार न लाएं।
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- एकादशी व्रत के दिन चावल नहीं खाना चाहिए। इससे पाप के भागी बनते हैं।
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- इस दिन घर में सात्विक भोजन ही बनाना चाहिए। निराहार व्रत रखकर ही पूजा करनी चाहिए।
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- एकादशी व्रत के दिन तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए। इस दिन तुलसी माता विष्णु जी के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
सावन पुत्रदा एकादशी पूजा विधि
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- एकादशी के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करें और फिर सूर्यदेव को जल चढ़ाएं। व्रत का संकल्प लें।
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- पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़क कर उस जगह को पवित्र करें। इसके बाद पूजा की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं।
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- चौकी पर विष्णु जी की मूर्ति पूर्व दिशा में स्थापित करें। दाएं और कलश पर मौली बांधकर उसे स्थापित करें। उस पर लाल कपड़ा बांधें और उसकी पूजा करें।
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- विष्णु जी का पंचामृत, गंगाजल आदि से अभिषेक करें और उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं।
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- इसके बाद हल्दी, कुमकुम, चंदन, इत्र आदि पूजन सामग्री अर्पित करें।
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- मीठे का भोग लगाएं। उसमें तुलसीदल जरूर रखें। पुत्रदा एकादशी की कथा सुनें।
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- आरती के बाद जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र आदि का दान करें।
- इसके बाद दूसरे दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और शुभ मुहूर्त में व्रत खोलें।