Ayushman Yojana Gadbadi In MP: अस्पतालों में 403 मरे हुए मरीजों का हुआ इलाज, आयुष्मान योजना की सुविधा वाले यह 46 Hospital हिट लिस्ट में
Ayushman Yojana Gadbadi In MP: अस्पतालों में 403 मरे हुए मरीजों का हुआ इलाज, आयुष्मान योजना की सुविधा वाले यह 46 Hospital हिट लिस्ट में । आयुष्मान भारत योजना में नियंत्रक एवंAuditor General
(कैग) की रिपोर्ट में मध्य प्रदेश में भी कई गड़बडि़यां सामने आई हैं।आयुष्मान योजना घोटाला करने वाले अस्पतालो ने 403 ऐसे रोगियों के उपचार का दावा पेश कर भुगतान लिया जो मर चुके थे।प्रदेश में 24 ऐसे अस्पताल मिले हैं जो जिन्होंने अस्पताल की बिस्तर क्षमता से ज्यादा मरीजों को भर्ती कर भुगतान प्राप्त किया था।
कैग ने सितंबर 2018 से मार्च 2021 के बीच 10 जिलों के 46 अस्पतालों का सैंपल के तौर पर आडिट किया। इसमें आठ हजार 81 ऐसे रोगी मिले हैं, जिनका एक ही समय में दूसरे अस्पतालों में भी उपचार दिखाकर भुगतान प्राप्त किया गया। 213 अस्पतालों ने यह गड़बड़ी की है।
अर्थदंड में सिर्फ चार प्रतिशत की ही वसूली
वहीं, 403 ऐसे रोगियों के उपचार का दावा पेश कर भुगतान लिया जो मर चुके थे। यह राशि एक करोड़ 12 लाख रुपये थी। 25 अस्पतालों में 81 रोगियों का दो बार आपरेशन दिखाकर भुगतान लिया। अस्पतालों पर लगाए अर्थदंड में सिर्फ चार प्रतिशत की ही वसूली हो पाई।
भोपाल का जवाहर लाल नेहरू कैंसर अस्पताल भी शामिल
प्रदेश में 24 ऐसे अस्पताल मिले हैं जो जिन्होंने अस्पताल की बिस्तर क्षमता से ज्यादा मरीजों को भर्ती कर भुगतान प्राप्त किया था। इसमें भोपाल का जवाहर लाल नेहरू कैंसर अस्पताल भी शामिल था। यहां एक समय में सौ रोगियों को भर्ती करने की क्षमता है पर 223 को भर्ती दिखाया गया था। यह गड़बड़ी करने वाले ज्यादातर अस्पताल भोपाल के थे।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा की गई कार्रवाई
– योजना की शुरुआत से लेकर अब तक अस्पतालों पर दो करोड़ 46 लाख रुपये अर्थदंड लगाया गया।
- – कुछ की संबद्धता समाप्त की गई जबकि कुछ के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई।
- – राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण का 80 प्रतिशत से अधिक स्टाफ बदला गया है।
योजना में इस तरह की गड़बड़ी मिली
-गलती करने वाले अस्पतालों से 33 लाख 57 हजार रूपए अर्थदंड की वसूली की जानी थी, पर यहां सिर्फ 4 प्रतिशत की वसूली हो पाई थी। कम वसूली के मामले में छत्तीसगढ़ के बाद मप्र दूसरा राज्य है। – 305 ऐसे दावे मिले हैं, जिनमें अस्पताल में भर्ती होने की तारीख राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण शुरू होने के पहले की थी।
इनमें तीन दावों के अनुमोदन की तारीख भी प्राधिकरण शुरू होने के पहले की थी। – प्रदेश के किसी भी जिले में जिला स्तरीय शिकायत निवारण समितियों को गठन नहीं किया गया था। पहली बार मई 2023 में इनका गठन हुआ।
- – दो लाख 66 हजार दावों का भुगतान बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण के बिना किया गया।
- – 11 दावों में एक लाख 34 हजार रुपये का भुगतान अक्षम आयुष्मान कार्डों में किया गया।
- – 63 दावों का भुगतान कार्ड अस्वीकृति करने की तिथि के बाद किया गया। इसकी राशि सात लाख 16 हजार रुपये थी।
- – मध्य प्रदेश में व्हिसिल ब्लोअर की नीति को नहीं अपनाया गया।
- इसमें भ्रष्टाचार के विरुद्ध शिकायतें प्राप्त कर जांच की व्यवस्था थी।
- -638 करोड़ रुपये के दावे निपटान के संबंध में लंबित थे।
- – एक लाख 46 हजार दावों के भुगतान में 12 घंटे से अधिक समय लगा। इसमें अधिकतम समय 11 हजार घंटे थे।
- योजना की शुरुआत- 23 सितंबर 2018
- योजना की शुरुआत में शामिल परिवार- 97,76,438
- योजना में शामिल सदस्य – 2,47,38,533
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम और औचक निरीक्षण कर गड़बड़ी करने वाले अस्पतालों को पकड़कर उनके विऱुद्ध कार्रवाई की गई है। कुछ के विरुद्धFIR भी कराई गई है। पुराना स्टाफ भी बदला गया है। अब पूरी व्यवस्था पारदर्शी है।
डा. प्रभुराम चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री, मप्र