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6G Services In India: 6जी नेटवर्क को लेकर PM ने क्या एलान, 5जी से कितना अलग, कितनी बढ़ेगी इंटरनेट स्पीड?

6G Services In India: 6जी नेटवर्क को लेकर PM ने क्या एलान, 5जी से कितना अलग, कितनी बढ़ेगी इंटरनेट स्पीड? प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत 6जी नेटवर्क लॉन्च करने पर काम कर रहा है। सरकार ने टास्क फोर्स बना दिया है। दरअसल 6जी, 5जी सेल्युलर तकनीक की अगली पीढ़ी है। 6जी नेटवर्क में 5जी नेटवर्क की तुलना में हाई फ्रीक्वेंसी का उपयोग होगा।

77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई अहम एलान किए। इनमें एक घोषणा 6G तकनीक को लेकर भी थी। पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि देश 6जी नेटवर्क लॉन्च करने पर काम कर रहा है। इससे पहले 76वें स्वतंत्रता दिवस पर भी पीएम मोदी ने 5जी मोबाइल तकनीक शुरू करने की घोषणा की थी।

आखिर 6जी तकनीक क्या है? यह 5जी से कितनी अलग है? यह कब तक शुरू हो जाएगी? किन क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल होगा? भारत में 6जी को लेकर क्या कदम उठाए जा रहे हैं? 5जी तकनीक कहां पहुंची? आइये समझते हैं…

6जी नेटवर्क को लेकर पीएम ने क्या एलान किया है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत 6जी नेटवर्क लॉन्च करने पर काम कर रहा है। पीएम ने कहा, ‘5जी को रोल आउट किया, दुनिया में सबसे तेज गति से 5जी रोल आउट करने वाला हमारा देश है। 700 से अधिक जिलों तक हम पहुंच चुके हैं। और अब 6जी की भी तैयारी कर रहे हैं। हमने टास्क फोर्स बना दिया है।’

क्या है 6जी तकनीक?

यह 5जी सेल्युलर तकनीक की अगली पीढ़ी है। 6जी नेटवर्क में 5जी नेटवर्क की तुलना में हाई फ्रीक्वेंसी का उपयोग होगा। 6जी प्रौद्योगिकी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के साथ मिलकर काम करेगी जिससे कई क्षेत्रों में अधिक सुगमता होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि 6जी तकनीक से यूजर्स तुरंत डाटा ट्रांसफर कर सकेंगे और बफरिंग और डिस्कनेक्ट जैसी मुसीबतों से छुटकारा मिल जाएगा। नई 5G तकनीक में 10 गीगाबाइट्स प्रति सेकंड तक की स्पीड का वादा किया जाता है। वहीं, 6जी तकनीक 5जी की तुलना में लगभग 100 गुना अधिक एक टेराबाइट प्रति सेकंड तक होगी। 6जी तकनीक एक टीबीपीएस तक की स्पीड के साथ अल्ट्रा-लो लेटेंसी (विलंबता) प्रदान करेगी।

5जी से कितनी अलग होगी 6जी तकनीक?

5जी की तुलना में 6जी तकनीक ज्यादा शक्तिशाली और तेजगति की होगी। इसकी स्पीड इतनी ज्यादा होगी कि इसके उपयोगकर्ता महज एक मिनट में 100 फिल्में तक डाउनलोड कर सकेंगे। इस तकनीक के आने के बाद वर्चुअल रियलटी और ज्यादा वास्तविक के करीब प्रतीत होगी। यानी, हमारा ऑनलाइन अनुभव और भी जीवंत हो जाएगा।

6जी तकनीक में स्पीड के अलावा भी कई नए फीचर उपभोक्ताओं को मिलेंगे। 6जी अब तक आई सभी मोबाइल सेल्यूलर तकनीक से अनोखी होगी। यह जमीन के साथ ही आसमान में भी काम करने में सक्षम होगी। जबकि, 5जी में ऐसा नहीं होता है। यानी, आप चाहे जमीन पर हो या हवा में बेहद ऊंचाई पर उड़ रहे हों आपके फोन या टैबलेट का नेटवर्क नहीं जाएगा। 6जी तकनीक आने के बाद आप एक डिवाइस से अनगिनत मशीनें और गैजेट एक साथ जोड़ सकेंगे। कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि 6जी तकनीक हमारी भौतिक और आभासी वास्तविकता के बीच के फर्क को बेहद धुंधला कर देगी।

6जी इंटरनेट के 2030 में व्यावसायिक रूप से लॉन्च होने की उम्मीद है। 6जी अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) गतिविधियां 2020 में ही शुरू हुईं। चीन ने टेराहर्ट्ज सिस्टम से लैस 6जी परीक्षण उपग्रह लॉन्च किया है। प्रौद्योगिकी दिग्गज हुआवेई टेक्नोलॉजीज और चाइना ग्लोबल इसी तरह के 6जी उपग्रह लॉन्च कर चुके हैं।

किन क्षेत्रों में होगा इस्तेमाल?

आगामी तकनीक का कई क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा सकेगा। नई तकनीक से स्मार्टफोन और अन्य मोबाइल नेटवर्क प्रौद्योगिकी के साथ-साथ स्मार्ट सिटी, ऑटोमैटिक वाहन, वर्चुअल रियलिटी जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों को भी लाभ होगा। अन्य क्षेत्रों को भी होगा लाभ:
खतरे का पता लगाना,
स्वास्थ्य की निगरानी,
चेहरे की पहचान,
कानून प्रवर्तन,
वायु गुणवत्ता माप।

भारत में 6जी को लेकर क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

पिछले महीने ही दूरसंचार विभाग ने अगली जनरेशन की वायरलेस तकनीक में नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत 6जी एलायंस को लॉन्च किया था। भारत 6जी एलायंस (B6जीA) एक सहयोगी प्लेटफॉर्म है जिसमें सार्वजनिक और निजी कंपनियां, शिक्षाविद, अनुसंधान संस्थान और मानक विकास संगठन शामिल हैं। मोबाइल सर्विस में भारत ने 2जी से 3जी, 4जी से 5जी में परिवर्तन देखा गया है और अब अगला पड़ाव 6जी है।

केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत 6जी एलायंस की वेबसाइट लॉन्च की। सरकार के मुताबिक, भारत 6जी एलायंस अन्य 6जी ग्लोबल एलायंस के साथ गठबंधन और तालमेल बनाएगा। इसका प्राथमिक उद्देश्य तकनीकी आवश्यकताओं से परे 6जी की व्यावसायिक और सामाजिक जरूरतों को समझना, इन जरूरतों पर आम सहमति को बढ़ावा देना और हाई-इंपैक्ट वाले ओपन रिसर्च और डेवलपमेंट (आरएंडडी) पहल को बढ़ावा देना है।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा था कि भारत 6जी एलायंस के तहत इनोवेशन के लिए रिसर्च और स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित किया जाएगा, जो दो फेज में पूरा होगा। पहला फेज 2023-2025 और फेज-2 2025 से 2030 तक पूरा होगा। यानी भारत में 2030 तक 6जी सर्विस शुरू हो जाएगी।

बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी साल 23 मार्च को भारत का 6जी विजन ‘भारत 6जी विजन’ दस्तावेज जारी किया था। विजन दस्तावेज में भारत को 2030 तक 6जी प्रौद्योगिकी के डिजाइन, विकास और तैनाती में अग्रणी योगदानकर्ता बनने की परिकल्पना की गई है।

भारत में एक अक्टूबर 2022 को हाई-स्पीड 5जी सर्विस को लॉन्च किया गया था और इसी महीने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर ने सेवा की शुरुआत की थी। सरकार ने अगस्त 2022 में टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर को स्पेक्ट्रम आवंटन पत्र जारी किया और उन्हें देश में 5जी सेवाओं के रोलआउट के लिए तैयार रहने के लिए कहा था। दुनिया में 5जी सेवाओं का सबसे तेज रोलआउट भारत ने ही किया है। आज 5जी सेवाएं 700 से अधिक जिलों में उपलब्ध हैं।

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