FEATUREDLatestउत्तरप्रदेशराष्ट्रीय

Gyanvapi: ज्ञानवापी में ASI सर्वे की मीडिया कवरेज होगी या नहीं, कोर्ट ने क्या कहा? आज आ सकता है फैसला

Gyanvapi: ज्ञानवापी में ASI सर्वे की मीडिया कवरेज होगी या नहीं, कोर्ट ने क्या कहा? आज आ सकता है फैसला वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे को लेकर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने बुधवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत का दरवाजा खटखटाया। कमेटी के आवेदन पर सुनवाई हुई। अधिवक्ताओं के मुताबिक अदालत ने दलीलें सुनीं और मौखिक रूप से कहा कि एएसआई सर्वे की गोपनीयता बनाए रखे। इसकी रिपोर्ट अदालत में जमा की जानी है। रिपोर्ट लीक नहीं होनी चाहिए। दोनों पक्ष अनावश्यक बयानबाजी से बचें। सर्वे में क्या मिला और क्या दिखा, इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी भ्रम की स्थिति ने फैलाई जाए। इसके साथ ही अदालत ने पत्रावली को आदेश के लिए सुरक्षित कर लिया है। इस मामले में गुरुवार को विस्तृत आदेश आ सकता है।

 

मसाजिद कमेटी की ओर से कहा गया कि सर्वे को लेकर तथ्यों के विपरीत रिपोर्टिंग की जा रही है। इससे समाज में विद्वेष फैल रहा है। जिस स्थान का अभी सर्वे नहीं हुआ है, उस स्थान को लेकर भी मीडिया गलत रिपोर्टिंग कर रहा है। वहीं, हिंदू पक्ष की ओर से कहा गया कि मीडिया अपना काम कर रहा है। जो रिपोर्ट दिखाई जा रही है, वह पिछले सर्वे की है।

इसे भी पढ़ें-  Roorkee: स्टील फैक्ट्री में हुआ तेज धमाका,15 श्रमिक बुरी तरह झुलसे

पक्षकारों के साथ ही मीडिया को भी संयम बरतने के लिए कहा
मां श्रृंगार गौरी मुकदमे की वादिनी राखी सिंह के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने दलील दी कि भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों के तहत मीडिया को समाचार प्रकाशन की स्वतंत्रता है। अगर कोई त्रुटिपूर्ण खबर भी आ रही है तो उसे मीडिया सुधार ले रहा है। मां श्रृंगार गौरी मुकदमे की चार अन्य वादिनी सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी के अधिवक्ता मदन मोहन यादव और सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि अदालत ने पक्षकारों के साथ ही मीडिया को भी संयम बरतने के लिए कहा है। मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता मुमताज अहमद ने कहा कि अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। आदेश आने के बाद ही उसके संबंध में बता पाना संभव होगा।

एएसआई सर्वे रोकने के लिए भी आवेदन

ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे को रोकने के लिए अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने आवेदन दिया। कहा गया कि चार महिला याचिकाकर्ताओं के आवेदन पर जिला जज ने 21 जुलाई को एएसआई सर्वे का आदेश दिया था। महिला वादिनियों की तरफ से सर्वे में आ रहे खर्च की फीस नहीं जमा की गई। बिना फीस जमा किए ही सर्वे किया जा रहा है, जो कानून के खिलाफ है। सर्वे के लिए एएसआई को रिट नहीं जारी की गई और न लिखित रूप से सर्वे की जानकारी दी गई।

इसे भी पढ़ें-  Short Terminated Train: 22 व 23 सितंबर को बड़ोदरा स्टेशन से शार्ट टर्मिनेट होगी रीवा=एकता नगर (केवड़िया) एक्सप्रेस

जो सर्वे किया जा रहा है वह कानूनी प्रावधान की प्रक्रिया के विपरीत है। ऐसे में सामान्य नियम और सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत दिए गए प्रावधानों का पालन किए बगैर जो सर्वे किया जा रहा है उसे रोका जाए। इस आवेदन पर महिला वादिनियों की अधिवक्ता की तरफ से आपत्ति जताई गई। साथ ही आपत्ति दाखिल करने के लिए समय मांगा गया। इस पर अदालत ने 17 अगस्त की तिथि नियत कर दी।

राखी सिंह के मामले में मसाजिद कमेटी ने दाखिल की आपत्ति

जिला जज की ही अदालत में राखी सिंह की तरफ से दिए गए उस आवेदन पर भी सुनवाई हुई जिसमे अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की तरफ से आपत्ति दाखिल की गई। राखी सिंह का आवेदन मुस्लिमों के नमाज पढ़ने से रोक के उद्देश्य से दी गई है। सारे आरोप बेबुनियाद हैं और यह आवेदन खारिज होने योग्य है। इस पर राखी सिंह के अधिवक्ताओं मानबहादुर सिंह और सौरभ तिवारी ने प्रति आपत्ति दाखिल करने के लिए समय की मांग की। अदालत ने सुनवाई के लिए 17 अगस्त की अगली तिथि तय की।

इसे भी पढ़ें-  All India IMD Alert: मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, इन जिलों में तेज बरसात की आशंका

कथित शिवलिंग के दर्शन-पूजन मामले में आदेश जारी करने का आग्रह

अदालत में सुनवाई के दौरान ज्ञानवापी से जुड़े एक अन्य मामले में अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने अधिवक्ता सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग के दर्शन पूजन राग भोग के वाद पर कहा सभी पक्ष की आपत्ति आ गई है। इस मामले में सुनवाई के बाद आदेश जारी किए जाने का अनुरोध किया गया। सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतजामिया की तरफ से मुमताज अहमद, रईस अहमद खान, तौहीद खान, मेराजुद्दीन सिद्दकी, एखलाक अहमद और हिन्दू पक्ष के चार महिला वादिनियों की तरफ से सुभाषनंदन चतुर्वेदी, दीपक सिंह, पवन पाठक, मदन मोहन यादव, भारत सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल अमित श्रीवास्तव के साथ ही राखी सिंह के पैरोकार जितेंद्र सिंह विसेन कोर्ट में मौजूद रहे।