MP Kisan Khad Beej Yojna: 165 नई सहकारी समितियां बनेगी, किसानों को खाद-बीज खरीदने में नहीं होगी दिक्कत
MP Kisan Khad Beej Yojna: 165 नई सहकारी समितियां बनेगी, किसानों को खाद-बीज खरीदने में नहीं होगी दिक्कत । नई समितियों का पुनर्गठन पूरे मध्य प्रदेश में किया जाना तय किया है। अभी तक राजगढ़ जिले में सिर्फ140 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां ही काम कर रही है। उन्ही 140 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से जिले के लाखो किसान जुड़े हुए हैं। लेकिन अब किसानों की समस्या को कम करने क लिए सरकार द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की संख्या को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
पूरे प्रदेश में होगा पुनर्गठन
नई समितियों का पुनर्गठन पूरे मध्य प्रदेश में किया जाना तय किया है। अभी तक राजगढ़ जिले में सिर्फ140 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां ही काम कर रही है। उन्ही 140 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से जिले के लाखो किसान जुड़े हुए हैं। लेकिन अब किसानों की समस्या को कम करने क लिए सरकार द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की संख्या को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
जानकारी बुलवाई गई
सहकारिता आयुक्त और पंजीयक सहकारी संस्थाआें द्वारा जिले की वर्तमान और जहां नवीन सोसायटी बन सकती है, उनकी जानकारी बुलाई है। इसी के साथ जिले के अमले ने संबंधित नव गठित होने वाली प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की संभावनाएं तलाशना शुरू कर दी है। ऐसे में अब यदि सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में 165 नवीन समितियों का गठन होने के साथ ही जिले में 305 सोसायटियां हो जाएंगी।
किसानों को होगी आसानी
शासन का मानना है की अभी जो प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां है उनमे अधिक संख्या में गांव जुड़े हैँ. प्रत्येक सोसायटी में अधिक गांव होने के कारण किसानों की संख्या भी लाखो में हैं। ऐसे में अब समितियों को छोटा किया जाएगा ताकि प्रत्येक सोसायटी के अधीन किसानों की संख्या भी सीमित है। जब संख्या सीमित रहेगी तो किसानों को खाद बीज प्राप्त करने में भी आसानी होगी। ऐसे में किसानों को खरीफ व रबी सीजन के समय खाद बीज लेने में दिक्क़तों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
हर दो पंचायतों के बीच रहेगी एक समिति
वर्तमान में जिले में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों मात्र 140 ही है, जबकि ग्राम पंचायतों की संख्या 622 है। ऐसे में हर सोसायटी के अधिक अधिक संख्या में गांव और पंचायतें जुडी हुई है। ऐसे में अब सरकार की मंशा है की प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर या फिर हर दो ग्राम पंचायतों स्तर पर एक प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों भी हो, ताकि किसानों को असुविधा न हो। इसी को देखते हुए 165 नई सोसायटियां बनाने पर काम किया जा रहा है।
1500 से अधिक संख्या पर नई समिति बनेगी
राजगढ़ जिले में जो नई प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को बनाने की तैयारी की जा रही है उसमें तय किया है कि प्रत्येक समिति में से एक नवीन समिति का पुनर्गठन किया जाएगा। यह अनिवार्य किया गया है। साथ ही संस्थाओं में जहां सदस्यों की संख्या 1500 से अधिक है और 15 से 20 गांव जुड़े हुए हैं वहां हर हाल में तीन संस्थाएं बनाई जाएंगे। इसके लिए बकायदा जिले के सभी शाखा प्रबंधक, पर्यवेक्षक के नाम मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी बैंक राजगढ़ द्वारा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
समिति के यह है कार्य
किसानों को ज्यादा से ज्यादा सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके।
सहकारी समितियों के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है। साथ ही किसानों को उधार खाद बीज भी सहकारी समितियों के माध्यम से दिया जाता है।
सहकारी समितियों के माध्यम से गेहूं, चना और मसूर की समर्थन मूल्य पर खरीदी का का कार्य भी किया जाता है।
सहकारी समितियों के माध्यम से आज भी द्वार प्रदाय योजना के तहत उचित मूल्य की दुकान का संचालन किया जाता है। इसी के साथ संस्था का और व्यापार बढ़ाने के लिए सरकार कदम उठा रही है।
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र भी सहकारी समितियों तहत खोलने का कार्य भी प्रक्रियाधीन है।
सहकारी संस्था किसान समृद्धि केंद्र के तहत खाद और उचित बीज भी किसानों को उपलब्ध कराने का कार्य करती है।
सरकार द्वारा सभी संस्थाओं में सीएससी अंतर्गत ई-सेवा लागू कुछ दिन पहले की गई है। लेकिन धरातल पर अभी भी सीएससी केंद्र का संचालन नही हो रहा है। सहकारी समितियों के माध्यम से सरकार हर गांव में एमपी आनलाइन की दुकान खोलने पर जोर दे रही हैं।
सरकार बहुउद्देश्यीय मॉडल को सोसायटी में अंगीकृत करने की पर भी जोर दे रही है।
नई समितियों के पुनर्गठन के लिए आयुक्त महोदय द्वारा जानकारी मांगवाई गई है। हमने जानकारी मांगी है। यह पुनर्गठन की तैयारी पूरे प्रदेश में ही चल रही है। 10 अगस्त को फिर प्रमुख सचिव महोदय समीक्षा करेंगे। -केजी मिश्रा, प्रभारी सीईओ, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित राजगढ़