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5 हजार में अपनों को दान कीजिए संपत्ति, विधवा बहू और दामाद भी गिफ्ट डीड के हकदार

5 हजार में अपनों को दान कीजिए संपत्ति, विधवा बहू और दामाद भी गिफ्ट डीड के हकदार डीड के हकदार घर-घर सौहार्दपूर्ण वातावरण के लिए प्रदेश सरकार ने गिफ्ट डीड (संपत्ति दान करने) को स्थायी कर दिया है। पिछले साल मार्च से सितंबर के बीच छह महीने के लिए गिफ्ट डीड को ट्रायल रूप में लागू किया गया था। इसके अच्छे परिणाम सामने आने के बाद स्टांप एवं पंजीयन विभाग द्वारा इसे पुन: लागू करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी। रक्त संबंधों के अलावा पहली बार विधवा बहू को भी सास-ससुर केवल पांच हजार रुपये में संपत्ति दान कर सकेंगे। गिफ्ट डीड का इस्तेमाल पांच साल में एक बार किया जा सकेगा।

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अभी तक परिवार के बीच भी संपत्ति के बंटवारे पर सात फीसदी स्टांप शुल्क लगता था। झगड़े रोकने के लिए पिता वसीयत करते थे, लेकिन अधिकांश वसीयतें विवाद के कारण कोर्ट पहुंच जाती थीं। भारी भरकम स्टांप के कारण पिता अपने जीवित रहते बेटे को संपत्ति नहीं दे पाता था। इस वजह से बेटा उनकी आंखों के सामने व्यवसाय नहीं कर पाता था। भाई-भाई के बीच भी संपत्ति बंटवारे में सात फीसदी स्टांप देय था।

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विरोध के बाद रद्द हुआ हुक्का बार का प्रस्ताव

 

प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठक में सदस्यों के विरोध के चलते हुक्का बार को लाइसेंस देने का प्रस्ताव मंजूर नही हो सका। सूत्रों का कहना है कि गृह विभाग की ओर से हुक्का बार विधेयक-2023 का प्रस्ताव विचार के लिए लाया गया था। मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश में हुक्का बार तो बंद होने चाहिए। हुक्का बार खोलने का लाइसेंस देने से जनता में गलत संदेश जाएगा। वहीं युवा पीढ़ी पर गलत असर होगा। मंत्रिपरिषद के अधिकतर सदस्यों के विरोध के चलते प्रस्ताव मंजूर नही हो सका।

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