श्वेतांबर जैन संत आचार्य वीररत्न विजय महाराज का इंदौर में देवलोकगमन
श्वेतांबर जैन संत आचार्य वीररत्न विजय महाराज का शुक्रवार दोपहर इंदौर में 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। सुबह सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
आचार्य वीररत्न विजय महाराज की प्रेरणा से इंदौर-बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग पर तीन किलोमीटर भीतर चापड़ा में जैन तीर्थ शिवपुर मातमोर ने आकार लिया। उनका अंतिम संस्कार वहीं किया जाएगा। आज यह स्थान श्वेतांबर जैन समाज के अनुयायियों के बीच आस्था का केंद्र है। तीर्थ पर स्वयंभू मणीभद्र मंदिर रथाकार स्वरूप में है। कहा जाता है कि यह देश का सबसे बड़ा रथाकार मंदिर है। भोजनशाला और रात्रि विश्राम के लिए धर्मशाला भी है
चातुर्मास के लिए उनका मंगल प्रवेश छह दिन पहले ही इंदौर के तिलक नगर में हुआ था। उनके देवलोकगमन की खबर से समाजजन में शोक व्याप्त है।
उनके अंतिम दर्शन के लिए तिलकेश्वर पार्श्वनाथ जिनालय तिलक नगर में समाजजन के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया। तिलकेश्वर पार्श्वनाथ धार्मिक-पारमार्थिक न्यास के अध्यक्ष कैलाश सालेचा ने बताया कि आचार्यश्री चातुर्मास के लिए 23 साधु-साध्वी के संघ के साथ आए थे। शनिवार सुबह उनके अंतिम संस्कार की विभिन्न बोलियां तिलक नगर में लगेगी। इसके बाद उन्हें श्रीशिवपुर (मातमोर) महातीर्थ चापड़ा ले जाया जाएगा। महातीर्थ पर उनका अंतिम संस्कार होगा।
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