नर्सिंग घोटाले में सारंग के खिलाफ आंदोलन की रणनीति
कांग्रेस नेताओं के बीच नर्सिंग घोटाले से जुड़ी आपसी बातचीत का एक ऑडियो वायरल हो गया। ऑडियो में कांग्रेस कार्यकर्ता मोबाइल पर कह रहे हैं कि प्रदेश के बड़े नेता जबरन उन पर विधानसभा का घेराव करने का दबाव डाल रहे हैं। वब मंत्री विश्वास सारंग को बदनाम करने की रणनीति बना रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हो रही बातचीत में नर्सिंग घोटाले में सारंग के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है।
कांग्रेस नेताओं के बीच नर्सिंग घोटाले से जुड़ी आपसी बातचीत का एक आडियो शुक्रवार को राजधानी भोपाल में चर्चा में रहा। इसमें कांग्रेस कार्यकर्ता मोबाइल पर हो रही बातचीत में बोल रहे हैं कि प्रदेश के बड़े नेता जबरिया विधानसभा का घेराव करने के लिए दबाव डाल रहे हैं और मंत्री विश्वास सारंग को बदनाम करने की रणनीति बनाने को कह रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की इस बातचीत में नर्सिंग घोटाले में सारंग के खिलाफ आंदोलन की रणनीति पर भी बात की गई है। हालांकि आडियो की फिलहाल पुष्टि नहीं हुई है कि यह किनके बीच बातचीत का है।
बातचीत के प्रमुख अंश
कथित रूप से कांग्रेस के दो कार्यकर्ता कह रहे हैं कि, “एक तारीख (1 जुलाई) की तैयारी (विधानसभा संबंधी) कैसी चल रही है। अपनी भी सही चल रही है, लेकिन समझो तो। कोई मुद्दा भी है या फालतू में नौटंकी करवा रहे हैं। कह रहे हैं कि विधानसभा का घेराव कर गदर मचा दो। कार्यकर्ताओं को बेवकूफ समझ लिया है। कार्यकर्ताओं को पिटवा देंगे। सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में पड़े रहते हैं। खुद कुछ करेंगे नहीं और छोटे कार्यकर्ताओं को पिटवाते रहेंगे। कुछ नहीं विश्वास सारंग को फंसाने की नौटंकी है सारी। इन्हीं के चक्कर में पार्टी (कांग्रेस) की यह स्थिति हो गई है। एक आदमी को बदनाम करने के लिए सारे बड़े नेता लगे पड़े हैं और कुछ नहीं।”
इसके आगे की बातचीत में सुनाई देता है- ” हम लोग छात्र राजनीति से निकले हुए लोग हैं, तब से जानते हैं सारी चीजें। ऐसा नहीं करना चाहिए, बेकार लगता है। नर्सिंग घोटाले को नेशनल मीडिया में लाने की कोशिश कर रहे हैं (बड़े नेता) और कुछ नहीं। विधानसभा नहीं चलने देंगे, मुद्दे की बात करनी नहीं है। देखा जाए तो विजयलक्ष्मी साधौ के समय भी ऐसा हुआ था, पर कुछ हुआ क्या। ऐसा है तो सबकी जांच कराएं फिर। तब समझ में आ जाएगा दो मिनट में। होना-जाना कुछ नहीं है, फालतू में परेशान करने के लिए है। अब क्या करें पार्टी में पद चाहिए तो इतना तो करना पड़ेगा। मन से इच्छा नहीं होती इन चीजों को करने की, कितने दिन चलेगा इनका।”