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कचहरी चौराहे से सभी कचहरियां हुई शहर के बाहर, 75 फीसदी शासकीय उपक्रमों के कार्यालय भी हुए दूसरी जगह शिफ्ट, एसडीएम व तहसीलदार कार्यालय स्थानांतरित होने के बाद सूना हुआ चौराहा

कटनी(YASHBHARAT.COM)। शहर का कचहरी चौक अब नाम का कचहरी चौक रह गया है क्योंकि यह चौराहा अब कचहरियों से खाली हो चुका है। इसके अलावा इस चौराहे पर स्थित लगभग 75 फीसदी शासकीय उपक्रमों के कार्यालय भी दूसरी जगह स्थानांतरित हो गए हैं। अब यहां केवल 25 फीसदी शासकीय उपक्रमों के कार्यालय बचे हैं। जिसमें आबकारी कार्यालय व जनपद पंचायत कार्यालय शामिल हैं। कुल मिलाकर अब यह चौराहा कचहरी चौक से पूरी तरह वीरागंना महारानी लक्ष्मी बाई चौक हो गया। गौरतलब है कि शहर की बसाहट के साथ ही इस चौराहे को केवल इस कारण कचहरी चौराहे के नाम से जाना जाता था क्योंकि यहां अधिकांश कचहरिया थी। जिसमें जिला न्यायालय, राजस्व न्यायालय सहित दूसरी कचहरियां शामिल थी। बाद में कटनी जिला बना तो यहां कलेक्टर कार्यालय व पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी रहे लेकिन समय के साथ सब कुछ बदलता गया। पहले यहां कलेक्टर कार्यालय बाहर शिफ्ट हुआ, इसके बाद पुलिस अधीक्षक कार्यालय और जिला न्यायालय शहर से बाहर शिफ्ट हो गए और अब यहां से एसडीएम और तहसीलदार कार्यालय भी चले गए। जिसके कारण अब यह चौराहा कचहरियों से विहीन हो गया है। जब यहां सभी कार्यालय थे तब चौराहे में सुबह से लेकर देरशाम तक खासा चहल-पहल रहती थी लेकिन जैसे-जैसे यहां से सरकारी कार्यालय शहर के बाहर स्थानांतरित होते गए चौराहे की चहल-पहल व रौनक फीकी पड़ती गई। एसडीएम व तहसीलदार कार्यालय की वजह से चौराहे में थोड़ा बहुत चहल-पहल थी लेकिन कल सोमवार 29 सितंबर से एसडीएम व तहसीलदार कार्यालय स्थानांनतरित हो जाने से चौराहा पूरी तरह से विरान सा हो गया है। अब इस चौराहे की रौनक वापस लौटाने नगर निगम को शीघ्र यहां कुछ योजना बनाकर काम कराना होगा। हालांकि इस चौक का नाम बदलकर पहले ही वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई चौक कर दिया गया है लेकिन अभी भी लोग इसे कचहरी चौक के नाम से ही जानते थे।

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