सुप्रीम कोर्ट का नया नेतृत्व: संजीव खन्ना की नियुक्ति पर सबकी निगाहें, CJI चंद्रचूड़ ने की सिफारिश
सुप्रीम कोर्ट का नया नेतृत्व: संजीव खन्ना की नियुक्ति पर सबकी निगाहें, CJI चंद्रचूड़ ने की सिफारिश। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो रहे हैं. केंद्र सरकार को भेजी सिफारिश में उन्होंने कहा है कि संजीव खन्ना देश के अगले चीफ जस्टिस होंगे. दरअसल, छह महीने बाद जस्टिस खन्ना का भी कार्यकाल खत्म हो जाएगा. खन्ना देश के 51वें चीफ जस्टिस होंगे.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. 10 नवंबर 2024 को वो रिटायर हो जाएंगे. ऐसे में उन्होंने अपने उत्तराधिकारी की सिफारिश कर दी है. CJI ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर जस्टिस खन्ना के नाम का प्रस्ताव रखा है. मोदी सरकार को भेजी गई सिफारिश में उन्होंने कहा है कि संजीव खन्ना देश के अगले चीफ जस्टिस होंगे.
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अगर केंद्र सरकार CJI चंद्रचूड़ की सिफारिश को स्वीकार कर लेती है, तो जस्टिस खन्ना भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश होंगे. CJI के रूप में जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 तक करीब 7 महीने का होगा. जस्टिस खन्ना को जनवरी 2019 में दिल्ली हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था. आम तौर पर सुप्रीम कोर्ट के जज की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल होती है.
10 नवंबर को डीवाई चंद्रचूड़ 65 साल के हो जाएंगे. उन्होंने 9 नवंबर 2022 को भारत के चीफ जस्टिस का पद संभाला था. CJI चंद्रचूड़ द्वारा केंद्र को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि 10 नवंबर को पद छोड़ने के बाद जस्टिस खन्ना सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस का पदभार संभालेंगे.
कौन है जस्टिस संजीव खन्ना?
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था. दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई के बाद उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में रजिस्ट्रेशन कराया था. शुरुआत के दिनों में उन्होंने तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस की और फिर हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे. 18 जनवरी को 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में प्रमोट किया गया था.
जस्टिस खन्ना 14 साल तक दिल्ली हाई कोर्ट में जज रहे. 2005 में वो दिल्ली हाई कोर्ट के एडिशनल जज के रूप में पदोन्नत हुए और 2006 में स्थायी जज बनाए गए. जस्टिस खन्ना 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष रहे. इस समय वो राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हैं.
जस्टिस खन्ना उन जजों में से हैं, जिन्हें किसी भी हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनने से पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत कर दिया गया था.
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