
अकाल तख्त का बड़ा फैसला: मंत्री हरजोत सिंह बैंस को तनखैया करार, क्या होता है तनखैया का मतलब?। पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस बुधवार को अमृतसर स्थित सिख धर्म के प्रमुख धार्मिक केंद्र अकाल तख्त के सामने पेश हुए. जहां उन्हें जम्मू-कश्मीर में एक कार्यक्रम के दौरान सिख समुदाय की भावनाओं को आहत करने के लिए तनखैया घोषित कर दिया।
श्रीनगर में आयोजित गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस से जुड़े एक कार्यक्रम में गीत-संगीत और नृत्य का आयोजन किए जाने से धार्मिक भावनाओं को ठेस की गलती पर उन्होंने माफी भी मांगी।पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस बुधवार को अमृतसर स्थित सिख धर्म के प्रमुख धार्मिक केंद्र अकाल तख्त के सामने पेश हुए. जहां उन्हें जम्मू-कश्मीर में एक कार्यक्रम के दौरान सिख समुदाय की भावनाओं को आहत करने के लिए तनखैया घोषित कर दिया. श्रीनगर में आयोजित गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस से जुड़े एक कार्यक्रम में गीत-संगीत और नृत्य का आयोजन किए जाने से धार्मिक भावनाओं को ठेस की गलती पर उन्होंने माफी भी मांगी.
पंजाब के शिक्षा और भाषा विभाग के मंत्री हरजोत सिंह बैंस को अकाल तख्त ने तनखैया घोषित करते हुए धार्मिक सजा सुनाने का ऐलान किया है. इस सजा के तहत मंत्री बैंस आज श्री हरमंदिर साहिब से गुरुद्वारा गुरु का महल तक पैदल जाएंगे और रास्ते की स्थिति का जायजा लेंगे. रास्ते की स्थिति के हिसाब से वो उसे बाद में रिपेयर भी करवाएंगे
साथ ही वो गुरुद्वारा गुरु का महल, गुरुद्वारा बाबा बकाला साहिब, और गुरुद्वारा वर्क के तरफ जाने वाले 100 मीटर के रास्तों को भी ठीक करवाएंगे. यह सभी गुरुद्वारे श्री गुरु तेग बहादुर जी से संबंधित हैं. इसके अलावा हरजोत सिंह बैंस श्री आनंदपुर साहिब में गुरुद्वारे में जोड़े (जूते) साफ करेंगे, और 11,000 रुपये का कड़ाह (हल्ला) प्रसाद भी चढ़ाएंगे. साथ ही वो दिल्ली के गुरुद्वारा शीशगंज साहिब में जाकर भी माथा टेकेंगे.
श्रीनगर आयोजित हुए उस कार्यक्रम के लिए माफी मांगी
जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब कुलदीप सिंह गरगज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस आयोजन के दौरान सिख धर्म के रीति-रिवाजों और परंपराओं का उल्लंघन किया गया है. हरजोत सिंह बैंस ने अकाल तख्त सचिवालय में हुई बैठक में श्रीनगर आयोजित हुए उस कार्यक्रम के लिए माफी मांगी, इस कार्यक्रम को सिख भावनाओं का अपमान करने वाला बताया गया.
क्या होता है तनखैया का मतलब?
धार्मिक गुनहगार को सिख धर्म में तनखैया कहा जाता है. जिसके तहत अगर कोई सिख व्यक्ति धार्मिक नियमों को ताक पर रखकर कोई गुनाह करता है तो उसे तनखैया घोषित कर दिया जाता है. जिसमें अकाल तख्त के पास उसे सजा सुनाने का पूरा अधिकार होता है. सजा पाने वाला व्यक्ति किसी से अरदास भी नहीं करवा सकता और न ही वो किसी भी तख्त पर जा सकता है।