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Abu Dhabi: संस्कारधानी जबलपुर के महंत स्‍वामी महाराज के योगदान से मुस्लिम देश में बना भव्‍य हिंदू मंदिर

Abu Dhabi: संस्कारधानी जबलपुर के महंत स्‍वामी महाराज के योगदान से मुस्लिम देश में बना भव्‍य हिंदू मंदिर

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Abu Dhabi: संस्कारधानी जबलपुर के महंत स्‍वामी महाराज के योगदान से मुस्लिम देश में भव्‍य हिंदू मंदिर बना है। अयोध्‍या में रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा के महज 20 दिन के अंदर ही एक और बड़े मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है. खास बात यह है कि यह मंदिर मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में बना है और 14 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं।

700 करोड़ की लागत से बना यह भव्‍य मंदिर बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था द्वारा बनाया गया है. इस मंदिर को बनाने में आध्यात्मिक गुरु महंत स्वामी महाराज का बड़ा योगदान है. महंत स्‍वामी महाराज मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम के लिए कुछ दिन पहले ही अबुधाबी पहुंच चुके हैं, जिनका संयुक्‍त अरब अमीरात के राजकीय अतिथि के तौर सम्‍मान किया गया.

जबलपुर में जन्‍मे हैं महंत स्‍वामी महाराज 

महंत स्वामी महाराज BAPS स्वामीनारायण संस्था के छठे और वर्तमान आध्यात्मिक गुरु हैं. उनका नाम स्वामी केशवजीवनदासजी है लेकिन भक्‍तजन उन्‍हें प्रेम से महंत स्वामी महाराज कहते हैं. महंत स्‍वामी महाराज का जन्म दहिबेन और मणिभाई नारायणभाई पटेल के यहां मध्‍य प्रदेश के जबलपुर शहर में 13 सितंबर 1933 (भादरवा वद 9, संवत 1989) को हुआ था. घर का माहौल आध्‍यात्मिक था, उनके माता-पिता संतों का बहुत आदर करते थे और सत्‍संग में हिस्‍सा लेते रहते थे. घर में बालक के जन्‍म के कुछ दिनों बाद ही स्‍वामी नारायण संस्‍था के शास्त्रीजी महाराज जबलपुर आए तो उन्होंने नवजात शिशु को आशीर्वाद देते हुए उसे केशव नाम दिया.

मणिभाई मूल रूप से गुजरात के आंद के रहने वाले थे और व्यापार के लिए जबलपुर में बस गए थे. बालक केशव की स्‍कूली शिक्षा जबलपुर से हुई. उन्‍होंने कृषि विज्ञान में ग्रेजुएशन किया. केशव का झुकाव आध्यात्मिकता की ओर था. 1951-52 में वे ब्रह्मस्वरूप शास्त्रीजी महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी परम पावन योगीजी महाराज के संपर्क में आए. इसके बाद वे अध्‍यात्‍म की राह पर आगे बढ़ते गए. 1957 में योगीजी महाराज ने उन्हें सदस्य दीक्षा दी. उन्‍होंने अक्षरधाम मंदिर के निर्माण में अपनी सेवाएं दीं. उनके प्रवचनों ने अनगिनत भक्‍तों को प्रभावित किया.

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2012 में बने BAPS के प्रमुख गुरु 

20 जुलाई 2012 को बीएपीएस स्‍वामीनारायण संस्‍था के प्रमुख स्‍वामी महाराज ने महंत स्‍वामी महाराज को संस्‍था का प्रमुख गुरु घोषित किया. इसके बाद से महंत स्‍वामी महाराज के नेतृत्‍व में संस्‍था ने देश-दुनिया में कई स्‍वामीनारायण मंदिर बनाए. इसमें यूएई के अबुधाबी शहर में 27 एकड़ में बना भव्‍य मंदिर भी शामिल है. यह मिडिल ईस्‍ट में बना पहला हिंदू मंदिर है. 2019 में इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और अब इसका उद्घाटन होने जा रहा है. बता दें कि अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और यूएई सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने मंदिर के निर्माण के लिए 2015 में 13.5 एकड़ जमीन दान की थी.

 

Ashutosh shukla

30 वर्षों से निरन्तर सकारात्मक पत्रकारिता, संपादक यशभारत डॉट काम

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