कन्या महाविद्यालय में 30 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम उद्यमिता के क्षेत्र में नवाचार और सृजनात्मकता के माध्यम से जुड़ने के लिए प्रेरित किया

कन्या महाविद्यालय में 30 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम उद्यमिता के क्षेत्र में नवाचार और सृजनात्मकता के माध्यम से जुड़ने के लिए प्रेरित किय
कटनी-शासकीय कन्या महाविद्यालय कटनी में स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के तत्वावधान में उद्यमिता विकास केंद्र मध्यप्रदेश (सैडमेप) द्वारा “ट्रेड-स्टार्ट-अप एवं आई.टी. इनैबल सर्विसेज” विषय पर 30 दिवसीय रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. चित्रा प्रभात के मार्गदर्शन और प्रकोष्ठ प्रभारी नागेंद्र यादव के संयोजन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। प्राचार्य डॉ. चित्रा प्रभात ने अपने उद्बोधन में छात्राओं को उद्यमिता के क्षेत्र में नवाचार और सृजनात्मकता के माध्यम से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने छात्राओं से एक उद्यमी के रूप में देश के आर्थिक विकास में योगदान देने का आह्वान किया। कार्यक्रम के संयोजक शकील अहमद चौधरी ने प्रशिक्षणार्थियों को स्टार्ट-अप की योजना, शासन द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं, और बैंक से ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षक श्री प्रशांत मिश्रा ने आई.टी. इनैबल सर्विसेज और व्यक्तित्व विकास से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की, जो प्रशिक्षणार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी रही।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्टार्ट-अप एवं आई.टी. इनैबल सर्विसेज में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कु. रचना नावानी ने प्रथम, कु. वृंदा शर्मा ने द्वितीय, और कु. विनीता रेड्डी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सभी प्रशिक्षणार्थियों को उनके प्रयासों और उपलब्धियों के लिए प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकगण डॉ. साधना जैन, डॉ. विमला मिंज, डॉ. रश्मि चतुर्वेदी, बंदना मिश्रा, के.जे. सिन्हा, डॉ. अमिताभ पांडेय, डॉ. सुनील कुमार डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. संजयकांत भारद्वाज, भीम बर्मन, प्रेमलाल कॉवरे, आंजनेय तिवारी, विनीत सोनी, डॉ. प्रतिमा सिंह, और श्रीमती पूनम गर्ग सहित अन्य प्राध्यापक उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम छात्राओं को उद्यमिता और आई.टी. क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण साबित हुआ। इस प्रकार के आयोजन न केवल छात्राओं के कौशल विकास में सहायक हैं, बल्कि उन्हें रोजगार के नए अवसरों से जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।