15 August: खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते”: पीएम मोदी की पाकिस्तान को चेतावनी
15 August: खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते": पीएम मोदी की पाकिस्तान को चेतावनी

15 August: खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते”: पीएम मोदी की पाकिस्तान को चेतावनी। प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से अपने भाषण में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि आतंकवाद और पानी एक साथ नहीं चल सकता है. सिंधु जल संधि पर भी उन्होंने स्पष्ट किया कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते हैं. प्रधानमंत्री ने साफ किया कि परमाणु धमकियों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले की प्राचीर से 12 बार झंडा फहराया. इस दौरान उन्होंने देश को संबोधित भी किया. पीएम मोदी ने अपने इस संबोधन में पाकिस्तान को दो टूक कहा कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता है. पीएम मोदी के इस बयान से साफ है कि आने वाले दिनों सिंधु जल संधि स्थगित ही रहने वाली है.
पीएम मोदी का बयान पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तानी पीएम और वहां के कई नेता सिंधु जल संधि को दोबारा शुरू करने की बात कहते आए हैं. हालांकि पीएम मोदी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर साफ कर दिया कि खून और पानी किसी भी हालत में एक साथ नहीं बह सकते हैं.
लाल किले की प्राचीर से क्या बोले पीएम मोदी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी ने कहा, हमारा देश दशकों से आतंक को झेलता रहा है. देश के सीने को छलनी कर दिया गया है. हमने न्यू नॉर्मल प्रस्थापित किया है. आतंकियों और उनको पालने-पोसने वालों को हम अलग-अलग नहीं मानेंगे.
उन्होंने कहा कि भारत ने अब तय कर लिया है कि न्यूक्लियर की धमकियों को हम किसी भी हालत में सहने वाले नहीं है. न्यूक्लियर ब्लैकमेल लंबे वक्त से चला आ रहा है. अब कोई ब्लैकमेल नहीं सहेंगे. आगे भी अगर दुश्मनों ने ये कोशिश जारी रखी, सेना तय करेगी, वह जो समय , तौर-तरीके, लक्ष्य निर्धारित करेगी, हम अमल में लाने वाले हैं. इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे. पीएम ने कहा कि भारत ने अब तय कर लिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे.
सिंधु जल समझौता ठीक नहीं- पीएम
सिंधु जल संधि को लेकर पीएम मोदी ने लाल किले से कहा कि ये समझौता ठीक नहीं है. इसका पानी दुश्मन की धरती को सींच रहा है और मेरे देश की जमीन प्यासी है. ये कैसा समझौता था? जिसने कई सालों से देश का कितना नुकसान किया.
उन्होंने कहा कि सिंधु के पानी पर हक पूरे हिंदुस्तान और यहां के किसानों का है. जो स्वरूप सहा है, अब उसे सहा नहीं जाएगा. उन्होंने साफ कहा कि ये सिंधु समझौता मंजूर नहीं है.