1 November Dipawali Muhurt: 5:36 से 6:16 बजे तक: दिवाली पूजा का सबसे महत्वपूर्ण समय, ध्यान रखें इन बातों का
1 November Dipawali Muhurt: 5:36 से 6:16 बजे तक: दिवाली पूजा का सबसे महत्वपूर्ण समय, ध्यान रखें इन बातों का। देशभर में प्रकाश पर्व दिवाली पर्व 31 अक्टूबर को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया, लेकिन कुछ राज्यों में दिवाली आज 1 नवंबर को मनाई जाएगी. इस बार दिवाली की तारीख को लेकर देशभर में असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. क्योंकि कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को दिवाली मनाए जाने का विधान है. कुछ लोग 31 अक्टूबर को दिवाली मना चुके हैं और अब कुछ राज्यों में दिवाली 1 नवंबर को मनाई जाएगी।
पंचांग के अनुसार, दिवाली कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 31 अक्बटूर को दोपहर 3 बजकर 22 मिनट से शुरू हो चुकी है और 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. ऐसे में 1 नवंबर को लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त की शुरुआत शाम 5 बजकर 36 मिनट से लेकर 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगी. इस दौरान भक्तों को पूजा के लिए कुल 41 मिनट का समय मिलेगा।
इन राज्यों में 1 नवंबर को मनेगी दिवाली
दिल्ली, मुंबई, राजस्थान और उत्तराखंड में दिवाली आज 1 नवंबर को मनाई जाएगी और दिल्ली, मुंबई के कुछ हिस्सों में 31 अक्टूबर को दिवाली मनाई जा चुकी है. जिन राज्यों में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जा चुकी है उन्हें अब गोवर्धन पूजा का इंतजार है. देश को बड़े मंदिरों में दिवाली एक नवंबर को मनाई जाएगी, जिससे लोग भ्रमित हैं. कुछ लोगों का मानना है कि छुट्टी 31 अक्टूबर को है, इसलिए पर्व भी उसी दिन मनाया जाएगा।
उत्तराखंड और मुंबई
ज्योतिषियों के अनुसार, उत्तराखंड राज्य में दिवाली 1 नवंबर दिन शुक्रवार को पड़ रही है. हालांकि, सरकारी कर्मचारियों की औपचारिक छुट्टी शहर में 31 अक्टूबर के दिन ही होगी और दिवाली 1 नवंबर को मनाई जाएगी और मुंबई में भी दिवाली को लेकर 2 अलग-अलग मत बने हैं. इसलिए दिवाली मुंबई के कुछ इलाकों में 31 अक्टूबर को दिवाली मनाई जा चुकी है और कुछ इलाकों में आज 1 नवंबर को मनाई जाएगी.
धर्म ग्रंथों के मुताबिक दो दिन प्रदोष काल में अमावस्या की व्याप्ति कम या अधिक होने पर दूसरे दिन अमावस्या के दिन लक्ष्मी पूजन करना शास्त्र सम्मत माना गया है. अमावस्या और प्रतिपदा युक्त अमावस्या होने पर इसी दिन लक्ष्मी पूजन करना उचित माना जाता है. इसीलिए इन राज्यों में 1 नवंबर को ही लक्ष्मी पूजन किया जाएगा. क्योंकि यहां के लोग उदयातिथि के अनुसार, दिवाली की पूजा करेंगे.