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लोकसभा चुनाव के शुरुआती रुझान: अमेठी में राहुल गांधी से स्मृति ईरानी आगे, भोपाल में प्रज्ञा ठाकुर को बढ़त

नई दिल्ली. 17वीं लोकसभा के चुनाव के लिए पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू हो गईहै। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी वायनाड से आगे हैं, लेकिन अमेठी में वे भाजपा की स्मृति ईरानी से पीछे चल रहे हैं।लखनऊ से राजनाथ सिंह,भोपाल में प्रज्ञा ठाकुर और गांधीनगरसे अमित शाह आगे हैं। 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों की वोटिंग प्रक्रिया के दौरान 67.11% मतदान हुआ। लोकसभा चुनाव के इतिहास में यह सबसे ज्यादा है। इस बार 10 में से 9 एग्जिट पोल्स में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलने के अनुमान जाहिर किए गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत का भरोसा जाहिर किया था। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने मोदी विरोधी दलों के नेताओं से मुलाकात का सिलसिला शुरू कर दिया था।

अपडेट

अमेठी में स्मृति ईरानी से राहुल गांधी पीछे चल रहे हैं।
भोपाल में प्रज्ञा ठाकुर, वायनाड से राहुल गांधी और गांधीनगर से अमित शाह आगे।
लखनऊ से गृहमंत्री राजनाथ सिंह और जयपुर शहर से भाजपा उम्मीदवार रामचरण वाेरा आगे चल रहे हैं।
बरेली से केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार और सारण से राजीव प्रताप रूडी आगे। तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के शशि थरूर पीछे।
शुरुआती रुझानों में भाजपा राजस्थान में 16 और कांग्रेस एक सीट पर आगे।
वोटों की इस तरह गिनती होगी

चुनाव आयोग हर लोकसभा सीट के तहत आने वाले हर विधानसभा क्षेत्र के 5 मतदान केंद्रों की ईवीएम का मिलान वीवीपैट (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) की पर्चियों से करेगा। इस वजह से इस बार आधिकारिक नतीजों के ऐलान में 4 से 6 घंटे की देरी हो सकती है।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, देशभर के 10.3 लाख मतदान केंद्रों में से 20,600 बूथ पर ईवीएम-वीवीपैट का मिलान होगा।
अगर वीवीपैट पर्चियों का मिलान नहीं हो पाता है तो पर्चियोें में दर्ज वोटों की गिनती होगी और उसी गिनती के आधार पर मिले नतीजों को सही माना जाएगा।
मौजूदा प्रक्रिया यह है कि वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम से मिलान सबसे आखिर में ही किया जाता है।
पोस्टल बैलट की गिनती सबसे पहले होती है। इस बार डाक मतपत्रों की संख्या देशभर में महज 16.49 लाख रही है।
चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों की मांग खारिज की
22 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि अगर हर विधानसभा क्षेत्र के 5 पोलिंग स्टेशनों में से एक पर भी ईवीएम-वीवीपैट मिलान में गड़बड़ी पाई जाती है, तो उस क्षेत्र के सभी पोलिंग स्टेशनों पर 100% वीवीपैट वेरिफिकेशन कराया जाए। विपक्षी दलों ने यह भी कहा था कि वीवीपैट मिलान की प्रक्रिया वोटों की गिनती से पहले हो, ना कि उसके बाद। हालांकि, चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों की यह मांग खारिज कर दी।

चुनाव प्रचार: मोदी ने 50 दिन में 142 रैलियां कीं, राहुल ने 67 दिन में 129 रैलियां कीं
मोदी का फोकस बंगाल पर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 50 दिन के लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान में 142 रैलियां कीं। इस दौरान उनका ज्यादा फोकस उत्तरप्रदेश, बंगाल और ओडिशा की 143 सीटों पर रहा। यहां मोदी ने 54 यानी 40% जनसभाएं कीं।
राहुल ने बिहार-यूपी में मेहनत की: राहुल गांधी ने 67 दिन में 129 रैलियां कीं। सबसे ज्यादा 18 रैलियां उन्होंने मध्यप्रदेश में और 17 रैलियां उत्तर प्रदेश में कीं। राहुल बिहार में 7 बार रैलियों के लिए गए, जबकि यहां उनकी पार्टी 40 में से केवल 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

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