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रीठी में राजस्व विभाग के अधिकारी बेजा कब्जा हटाने में नहीं दिखा रहे रूचि तहसील मुख्यालय रीठी में बेशकीमती सरकारी भूमियों पर तन रही बिल्डिंगें

रीठी में राजस्व विभाग के अधिकारी बेजा कब्जा हटाने में नहीं दिखा रहे रूचि तहसील मुख्यालय रीठी में बेशकीमती सरकारी भूमियों पर तन रही बिल्डिंगे

कटनी- जिले के रीठी तहसील मुख्यालय में जगह-जगह पड़ी बेशकीमती सरकारी भूमियों पर इन दिनों खुलेआम अवैध कब्जा किए जा रहे हैं। सरकारी भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे को हटाने राजस्व विभाग के अधिकारी बिल्कुल भी रूचि नहीं दिखा रहे हैं। जिससे राजस्व विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में दिखाई पड़ रही है। जिम्मेदारों की मिलीभगत से रातों रात बिल्डिंगें बनकर तैयार हो रही हैं।

मंडी की भूमि पर तहसील कार्यालय के समीप हो गये कब्जे

देखा गया कि रीठी तहसील कार्यालय के चंद कदमों पर जनपद पंचायत कार्यालय के सामने स्थित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के आसपास मंडी के नाम दर्ज भूमि पर रातों रात दबंगों द्वारा बेजा कब्जा कर मकान बना लिए गए हैं। अब सवाल यह खड़े हो रहे हैं कि क्या राजस्व विभाग के अधिकारी यहां से अपनी आंख में पट्टी बांध कर गुजर जाते हैं, जो उन्हें सरकारी भूमि पर हुए अवैध कब्जा नजर नहीं आते। इसी तरह रीठी के शमशान घाट के समीप भी बेजा कब्जा धारियों ने मकान बना रखे हैं।

आदिवासी बच्चों के हक पर डाका, छात्रावास की भूमि पर हो गया कब्जा

देखा गया कि आदिम जाति कल्याण विभाग के कन्या छात्रावास के नाम पर दर्ज भूमि पर भी अतिक्रमण कारियों ने बीते कई वर्षों से अवैध कब्जा कर रखा है और आदिवासी बच्चों के हक की बेशकीमती जमीन पर आलिशान मकान बना लिया गया है। इस ओर न तो आदिम जाति कल्याण विभाग ध्यान दे रहा है और न स्थानीय राजस्व अमला। कोई भी जिम्मेदार अधिकारी उक्त सरकारी भूमि से उक्त अवैध कब्जे हटाने की जुगत नहीं दिखा रहे हैं। जिस कारण भूमाफियाओं के हौंसले बुलंद हैं। आरोप है कि राजस्व अधिकारियों के संरक्षण में यह खेल रीठी तहसील में खुलेआम हो रहा है, जो उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।

स्कूल की भूमि पर कब्जा, शिकायतों का असर नहीं

बताया गया कि रीठी तहसील मुख्यालय अंतर्गत ग्राम पंचायत घनिया के राजस्व क्षेत्र में संचालित शासकीय प्राथमिक शाला करिया पाथर की भूमि पर भी अतिक्रमण कारियों ने अवैध कब्जा कर मकान बना लिया है। स्कूल प्रबंधन द्वारा इसकी लिखित सूचना विभाग सहित राजस्व अमले को भी दी गई। लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ। जिससे भूमाफियाओं के हौंसले और बुलंद हो गये। यहां बच्चों को खेलने तक को भूमि नहीं बची है। सरकारी विभागों के नाम पर दर्ज भूमियों से कब्जा हटाने राजस्व अमला विफल साबित हो रहा है।

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