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राज्यसभा चुनाव के बहाने MP की राजनीति में कुछ बड़ा होने चर्चा !

भोपाल। क्या राज्यसभा चुनाव के साथ ही मध्यप्रदेश की राजनीति में  कुछ बड़ा होने जा रहा है। आज दिनभर राजनीतिक चर्चाओं में यह बात सामने आती रही लेकिन होगा क्या? इसे लेकर कोई भी पुख्ता दावा नहीं कर रहा। माना जा रहा है कि राज्यसभा की तीन सीट पर चुनाव होने हैं 1-1 सीट तो कांग्रेस बीजेपी के खाते में अंक गणित के साथ जाती दिख रही हैं लेकिन तीसरी सीट के लिए भी भाजपा जोर लगाती दिख रही है। यहां वह कितनी कामयाब होती है यह किसी को नहीं पता लेकिन अगर वह कांग्रेस में सेंध लगाने में कामयाब होती है तो प्रदेश की सरकार पर भी खतरे के बादल मंडरा सकते हैं।

आपको बता दें कि वर्तमान में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी नाराज नजर आ रहे हैं। किसी न किसी बहाने वह सरकार को घेरते रहे हैं। सिंधिया को राज्यसभा भेजने की लॉबिंग भी समर्थक चला रहे हैं ऐसे में कुछ ऐसा हो सकता है जिससे प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ जायेगा।

वीडी शर्मा की शिवराज और भार्गव से क्लोजडोर चर्चा

विधानसभा के बजट सत्र से पहले बीजेपी में हलचल तेज़ हो गई है. बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने एक ही दिन में अलग अलग वक्त पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव से मुलाकात की. बंद कमरे में इन बैठकों को लेकर अटकलों का दौर तेज हो गया है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या बीजेपी विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कुछ बड़ा प्लान कर रही है।

दरअसल 16 मार्च से विधानसभा का बजट सत्र शुरु हो रहा है जो 13 अप्रैल तक चलेगा. सत्र के दौरान ही 26 मार्च को राज्यसभा की तीन सीटों के लिए निर्वाचन होना है. सीटों के गणित के हिसाब से बीजेपी और कांग्रेस के पास एक-एक सीट आना तय है लेकिन तीसरी सीट के लिए दोनों पार्टियों को जुगाड़ करना होगा।

हालांकि संख्या बल के आधार पर तीसरी सीट पर भी कांग्रेस का कब्जा तय माना जा रहा है लेकिन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ये साफ कर चुके हैं कि वो तीसरी सीट के लिए कांग्रेस को वॉक ओवर नहीं देगी. ऐसे में अगर तीसरी सीट के लिए बीजेपी ने अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा तो सियासी तस्वीर क्या होगी ये देखना दिलचस्प होगा. माना जा रहा है कि बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा दिग्गज नेताओं के साथ बैठक कर खास रणनीति तैयार कर रहे हैं । हो सकता है बजट सत्र के दौरान बीजेपी कोई चौंकाने वाला खुलासा करे।

ये है गणित

सीटों के गणित के लिहाज से दोनों पार्टियों के पास बहुमत के आधार पर एक-एक सीट जाना तय है, लेकिन तीसरी सीट को लेकर पेंच फंस सकता है। अगर निर्वाचन निर्विरोध नहीं हुआ तो फिर वोटिंग की नौबत आ सकती है। ऐसे में सियासी समीकरणों के मुताबिक एक सदस्य के लिए 58 विधायकों का वोट जरूरी होता है. दो सीटों में एक बीजेपी और दूसरी कांग्रेस को मिलेगी, लेकिन तीसरी सीट के लिए कांग्रेस के 56 और बीजेपी के पास 50 विधायक रह जाएंगे. कांग्रेस को दो वोट जुटाने होंगे, दूसरी तरफ बीजेपी को आठ वोट चाहिए। हालांकि 2 विधायकों के निधन की वजह से फिलहाल विधानसभा की दो सीटें खाली हैं।

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