
जबलपुर। यशभारत के संस्थापक सम्पादक एवं वर्तमान में नवभारत के बिलासपुर के स्थानीय संपादक निशांत शर्मा नहीं रहे। यह खबर मेरे जीवन की महत्वपूर्ण पूंजी खोने के समान है। उनके साथ पत्रकारिता जीवन की शुरुआत की याद सदैव अविस्मरणीय रहेंगी। हमें यकीन नहीं कि हमेशा नि:शांत रहने वाले निशांत जी हमेशा के लिए शांत हो गये। कल बिलासपुर में ह़दयघात से उनका असमय निधन हो गया।
दैनिक देशबन्धु में पत्रकारिता की शुरुआत में निशांत भैया का सानिध्य प्राप्त हुआ हर क्षण उन्होंने मुझे पत्रकारिता की गहराइयों से अवगत कराया। साथ साथ रिपोर्टिंग के कई दौर मेरी याद से कभी भी विस्मृत नहीं होंगे। याद वह भी जब एक मोटरसाइकिल से रिपोर्टिंग के लिए जाते हम दोनों हादसे का शिकार हुए ईश्वर की कृपा से बाल बाल बचे। देशबन्धु से इस शुरुआत के बाद समय और परिस्थितियों ने रुख बदला तथा निशांत भैया ने नवभारत जबलपुर में अपनी सेवाएं देना प्रारम्भ कीं। तब वह मुझे समय समय पर मार्गदर्शन देते। निशांत भैया स्पॉट रिपोर्टिंग के पक्षधर रहे उनकी यह प्रेरणा मुझे मौके पर पहुंच कर सूचनाओं को पहचानना फिर उसे समाचार में पिरोना काफी प्रभावित करता था जिसे मैने अपने पत्रकारिता का मूल उद्देश्य बनाया।
मेरे कार्य से प्रभावित निशांत जी ने मुझे अपने साथ नवभारत ज्वाइन कराया। हम लोगों ने साथ साथ पत्रकारिता के उस चुनोती पूर्ण दौर में काम किया। मुझे आज भी याद है जब एक दिन मैने यूँ ही निशांत भैया से अखबार प्रारम्भ करने के अपने पिता के स्वप्न को जाहिर किया इस बात को उन्होंने काफी संजीदगी से लिया और यशभारत की कल्पना पर मेरा हौसला बढ़ाया। ईश्वर की कृपा और माता पिता के आशीष ने यशभारत के स्वप्न को साकार किया तो निशांत जी ने सहर्ष यशभारत के संस्थापक प्रथम संपादक का पद सहर्ष स्वीकार किया।
जिसकी मजबूत नींव में उनकी भागीदारी मुझे सदैव याद रहेगी। पारिवारिक कारणों से उन्होंने हरिभूमि ज्वाइन किया। उपरांत वे बिलासपुर चले गए तथा नवभारत के स्थानीय संपादक के रूप में अपनी पत्रकारिता को नया मुकाम दिया। कैसे याद करूँ चन्द रोज पहले ही निशांत जी ने मेरी लाडली याशिका को घर पर आकर आशीर्वाद दिया। मुझे क्या पत्रकारिता से जुड़े किसी भी शख्स को यकीन नहीं कि आज निशांत शर्मा जी हमारे बीच नहीं समय के कालचक्र ने मेरा एक शुभचिंतक मुझसे छीन लिया।
मैं निःशब्द सा हो गया हूँ केवल इतना ही कहूंगा कि मानों मैने एक अनमोल पूंजी खो दी। आज हम सब के बीच निशांत भैया नहीं हैं किंतु पत्रकारिता जीवन मे उनके बताए मार्ग हमेशा हम सभी के लिए प्रेरणा दायक होंगे। ईश्वर उन्हें अपने चरणों मे स्थान दे। शर्मा परिवार पर आए इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे। निशांत शर्मा जी को समस्त यशभारत परिवार की ओर से भावपूर्ण श्रद्धांजलि……
