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मृत व्यक्ति के नाम एफआईआर दर्ज कराने वाला गिरफ्तार

कटनी। दस वर्ष पहले जिस व्यक्ति की मौत हो चुकी थी उसके नाम से थाने में रिपोर्ट करने का मामला प्रकाश में आया है। इस बात का खुलासा होने के बाद पुलिस ने फर्जी फरियादी को गिरफ्तार कर लिया है। मामले में पुलिस ने फर्जी तरीके से रिपोर्ट लिखाने वाले के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर प्रकरण की विवेचना शुरू कर दी है।

आरोपी ने मृतक के नाम के दस्तावेज और उसकी फोटो का दुरपयोग कर मारपीट, गाली-गलौज और अनुसूचित जाति अधिनियम के तहत एफआईआर कराई थी। इस संबंध में माधवनगर थाना प्रभारी मंजीत सिंह ने बताया कि 12 अप्रैल 17 को मिल संचालक सुनील कुमार ठारवानी ने पल्लेदार आशीष राय नाम के व्यक्ति को काम के लिए बुलाया था।

कुछ देर काम करने के बाद आशीष राय जाने लगा और सुनील से रुपए की मांग करने लगा। रुपए नहीं देने पर पल्लेदार आशीष राय ने जमकर हंगामा किया और फिर बाद में माधवनगर थाने पहुंचा। आशीष राय थाने में पहुंचते ही परषोत्तम भूमिया अपने आप को बताकर सुनील ठारवानी के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज और अनुसचित जाति अधिनियम के तहत रिपोर्ट लिखाई। साथ ही उसने परषोत्तम भूमिया के नाम का जाति प्रमाणपत्र भी पेश किया।

पुलिस ने बताया कि सुनील कुमार ठारवानी द्वारा एक आवेदन दिया गया। जिसमें मामले के संबंध में जानकारी दी गई। आवेदन की जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि रीठी थाना क्षेत्र अंतर्गत मढ़िया गांव निवासी परषोत्तम भूमिया की मौत वर्ष 2008 में हो चुकी है। गांव में ही रहने वाले आशीष राय ने मृतक परषोत्तम भूमिया के नाम पर अपनी फोटो लगाकर मतदाता सूची, आधारकार्ड, राशनकार्ड, जाति प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनाकर दस्तावेजों का दुरुपयोग कर रहा है। दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने आशीष राय के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी आशीष राय को गिरफ्तार कर लिया है।

ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
मृत व्यक्ति पुरुषोत्तम भूमिया बनकर आशीष राय ने सुनील कुमार ठारवानी के खिलाफ शिकायत की थी तो पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की थी। इसके बाद पुलिस ने सुनील कुमार ठारवानी की गिरफ्तारी भी की थी। जमानत पर छूटने के बाद सुनील कुमार ठारवानी ने परषोत्तम भूमिया नाम के व्यक्ति का पता लगाया। जिसमें उसे पता चला कि इस नाम के व्यक्ति की मौत वर्ष 2008 में हो चुकी है वह रीठी थाने के मढ़िया गांव में रहता था। इसके बाद उसने पुलिस से मामले की शिकायत की और बताया कि उनके यहां पर परषोत्तम भूमिया नाम का कोई भी पल्लेदार ने काम नहीं किया है। फर्जी व्यक्ति बनकर एफआईआर कराई गई थी। इसके बाद मामले की जांच की गई और जांच में यह खुलासा हुआ कि आशीष राय ने परषोत्तम भूमिया बनकर एफआईआर कराई है।

कई मिल संचालकों का कर चुका है ब्लेकमेल
एक जानकारी में बताया जाता है कि आशीष राय ने पुरूषोत्तम भूमिया की मौत के बाद उसकी पत्नी व बच्चों को रख लिया था तथा पुरूषोत्तम भूमिया के सभी दस्तावेजों में कूट रचना कर अपनी फोटो लगाकर खुद पुरूषोत्तम भूमिया बन गया था। इन दस्तावेजों के सहारे वह पूर्व में भी कई मिल संचालकों को ब्लेकमेल कर चुका था। मामले में सबसे अहम बात यह है कि आशीष राय ने पुरूषोत्तम भूमिया के नाम का जाति प्रमाण पत्र कुछ समय पूर्व ही बनवाया था।

 

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