
मिड कैप इंडेक्स में निवेश: रिकॉर्ड लेवल पर S&P BSE मिडकैप इंडेक्स; आसान भाषा में समझिए क्या है ये? बीएसई मिडकैप कंपनियां आमतौर पर कम कैपिटलाइजेशन वाली होती हैं. ये कंपनियां अक्सर तेजी से बढ़ने वाले सेक्टर में काम करती हैं. कई बार इस तरह की कंपनियों में तेजी से आगे बढ़ने का अच्छा चांस होता है.
What is BSE Midcap Index: भारतीय शेयर बाजार के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचने के बीच एसएंडपी बीएसई मिडकैप (S&P BSE Midcap Index) भी अब तक के टॉप लेवल पर पहुंच गया है. एक दिन पहले बुधवार को 35,115.78 प्वाइंट पर बंद हुआ एसएंडपी बीएसई मिडकैप गुरुवार सुबह 35,160 अंक पर खुला.।
आज के कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में चल रही गिरावट के बीच भी एसएंडपी बीएसई मिडकैप इंडेक्स में तेजी देखी गई और यह 231 अंक की तेजी के साथ 35347 अंक पर बंद हुआ. कारोबारी सत्र के दौरान इसने 35,371 का हाई भी टच किया. इस दौरान यह 35,002 अंक के लेवल तक भी गिरा. आइए जानते हैं क्या है S&P BSE मिडकैप और इसमें निवेश किस तरह से फायदेमंद हो सकता है?
एसएंडपी बीएसई मिडकैप (S&P BSE Midcap) भी शेयर मार्केट का ही इंडेक्स है. इसे भारतीय शेयर बाजार के मिड-कैप सेगमेंट को री-प्रजेंट करने के लिए डिजाइन किया गया है. एसएंडपी बीएसई मिडकैप (S&P BSE Midcap) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्टेड कंपनियों के एक ग्रुप को रेफर्ड करता है. इसके तहत ऐसी कंपनियां आती हैं जिनका मार्केट कैप 100 अरब से लेकर 250 अरब के बीच होता है
बीएसई मिडकैप कंपनियां आमतौर पर कम कैपिटलाइजेशन वाली होती हैं. ये कंपनियां अक्सर तेजी से बढ़ने वाले सेक्टर में काम करती हैं. कई बार इस तरह की कंपनियों में तेजी से आगे बढ़ने का अच्छा चांस होता है. इस तरह की कंपनियों के पास बड़े व्यवसायों की तुलना में कम वित्तीय संसाधन होते हैं. अगर आप BSE मिड कैप में निवेश करना चाहते हैं तो सीधे कंपनियों के शेयर खरीदने के अलावा बीएसई मिड कैप म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं.
क्यों बढ़ रहा बीएसई मिड कैप?
बीएसई मिड कैप इंडेक्स में तेजी एक नहीं कई कारण से आ रही है. पहला कारण यह कि पिछले दिनों जारी हुआ जीडीपी का आंकड़ा उम्मीद से ज्यादा आया है. मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी बढ़कर 7.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है. जीडीपी का बढ़ता आंकड़ा मिड कैप कंपनियों के अनुकूल है. ये कंपनियां अक्सर तेजी से बढ़ते सेक्टर में काम करती हैं. इस सूचकांक के बढ़ने का दूसरा कारण सरकार की तरफ से मिड कैप कंपनियों के विकास को बढ़ावा देना है. सरकार की तरफ से ऐसी कई नीतियां लागू की गई हैं जिसके कारण स्टार्ट-अप्स के लिए वित्तीय सहायता, प्राइवेट सेक्टर के निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए गए हैं.
मिड कैप शेयरों में तेजी का तीसरा और अहम कारण यह है कि इन कंपनियों में निवेशक दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इसका कारण यह है कि मिड कैप कंपनियों के शेयर अक्सर लार्ज कैप कंपनियों की तुलना में कम मूल्य पर मिलते हैं. साथ ही इनमें हाई रिटर्न देने की गुंजाइश रहती है. मौजूदा वित्त वर्ष में ही मिड कैप इंडेक्स 35 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ चुका है. आगे भी इस सेग्मेंट में तेजी बनी रहने की संभावना है.
निवेशको को सलाह
मिड कैप इंडेक्स में निवेश करने से पहले निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि मिड कैप कंपनियों में इनवेस्टमेाट जोखिम भरा हो सकता है. इन कंपनियों में उतार-चढ़ाव की संभावना ज्यादा रहती है. इन कंपनियों के पास वित्तीय संसाधन भी कम हो सकते हैं. बीएसई मिडकैप कंपनियों में निवेश से पहले, निवेशकों को रिस्क फैक्टर का ध्यान रखते हुए अपने भविष्य के लक्ष्यों को ध्यान में रखना चाहिए