बजट से पहले मध्यप्रदेश सहित 11 राज्यों को केंद्र का तोहफा, जानिये क्या मिला
नई दिल्ली। बजट से पहले ही केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश सहित देश के 11 राज्यों को बड़ा तोहफा दिया है। इन राज्यों के दूर-दराज और पिछड़े क्षेत्रों में स्थित 53 इंजीनियरिंग कॉलेजों में 12 सौ से ज्यादा असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की गई है।
यह सभी ऐसे कॉलेज हैं, जहां पिछले कई वर्षों से शिक्षकों के करीब 60 फीसद पद खाली पड़े थे। हालांकि खाली पदों को भरने की कई कोशिशें की गई, लेकिन दूर-दराज क्षेत्रों में स्थित होने के कारण इन कॉलेजों में पढ़ाने के लिए कोई तैयार नहीं था।
सरकार ने इस बीच एक विशेष योजना के तहत आइआइटी, एनआइटी जैसे संस्थानों से पास हुए छात्रों को नियुक्त किया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता सुधार प्रोजेक्ट (टेक्यूईप) के तहत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान, ओडिशा, त्रिपुरा, उत्तराखंड, जम्मू एवं कश्मीर, असम जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान-निकोबार में नियुक्ति की है।
सभी को तीन साल के लिए नियुक्त किया गया है। उन्हें प्रति माह सत्तर हजार रुपये वेतन दिया जाएगा। सरकार ने इसके लिए करीब 375 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है। इंजीनियरिंग में भेजे गए 1225 शिक्षकों में 293 आइआइटी, एनआइटी और ट्रिपल आइटी जैसे संस्थानों से पीएचडी किए हुए हैं, जबकि 932 एमटेक या इसके समकक्ष डिग्री प्राप्त हैं।
सरकार ने इसके अलावा इन कॉलेजों के शिक्षकों को एक विशेष प्रशिक्षण का कार्यक्रम भी तैयार किया है। इसे जल्द ही शुरू करने के संकेत दिए हैं। गौरतलब है कि इन सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने का यह कदम केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के अनुरोध पर उठाया है।
फिलहाल सरकार के इस कदम से 11 राज्यों के करीब 115 पिछड़े और दूर-दराज के जिलों को लाभ मिलेगा। इनमें गया, मुजफ्फरपुर (बिहार) दुमका, रामगढ़ और हजारीबाग (झारखंड), कालाडीह (उड़ीसा) और विदिशा (मप्र) जैसे सात अविकसित जिले शामिल हैं।
‘सरकार की पहल से दूरदराज क्षेत्रों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे एक लाख से ज्यादा छात्रों फायदा मिलेगा। आइआइटी, एनआइटी के युवाओं ने वहां जाने की जो पहल की है, वह देश सेवा की भावना से जुड़ी है।’
-प्रकाश जावड़ेकर, मानव संसाधन विकास मंत्री, भारत सरकार