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जबलपुर में सेना के जवान बनने आये नौजवानों ने सुबह-सुबह मचाया तांडव

जबलपुर, मुनप्र। पेंटीनाका के समीप स्थित सेना के ग्राण्उड में चल रही भर्ती प्रक्रिया के दौरान आज सुबह करीब 6 बजे उस समय अफरा तफरी और हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गयी जब व्यवस्थाओं से गुस्साए हजारों छात्रों ने क्षेत्र में उपद्रव की स्थिति निर्मित कर दी और जमकर तांडव मचाया। इस दौरान युवकों ने न केवल पथराव किया बल्कि कुछ वाहनों में तोड़फोड़ भीकी तथा सड़क पर लगे बोर्ड और पोल आदि भी उखाड़कर फेंक दिए। अव्यवस्था का यह आलम पेंटीनाका से लेकर एम्पायर टाकीज के पास से कैरब्ज और स्टेशन तक देखा गया। बाद में जब हंगामे की खबर पुलिस को लगी तो कई थानों की पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी तथा सेना के जवानों ने पहुंचकर मोर्चा संभाला और उपद्रवियों को खदेड़ा। जिसके बाद पूरे क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया और सुरक्षा की दृ़ष्टि से रेलवे स्टेशन में भी जीआरपी, आरपीएफ और स्थानीय पुलिस को भी तैनात कर अलर्ट कर दिया गया। इस घटना में कुछ लोगों को पथराव में चोट आने की भी जानकारी मिली है।
डायल 100 वाहन को फूंकने का प्रयास
पेंटीनाका के समीप डोसा का ठेला लगाने वाले प्रत्यक्षदर्शी ज्योतिराम रेड्डी ने जानकारी देते हुए बताया कि कुल 85 पदों की भर्ती के लिए बीस हजार से ज्यादा आवेदकों को बुला लिया गया था और उनके रुकने, ठहरने की छोड़ो पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं की गयी थी। जिस ग्राण्उड में भर्ती चल रही थी उसके चारों तरफ युवकों की फौज नजर आ रही थी। बताया जाता है कि कुछ लोग सेना के मापदंड में खरे नहीं उतरे तो उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया जिसके चलते युवाओं ने उग्ररूप धारण कर लिया और उत्पात मचाना शुरू कर दिया। ज्योति के मुताबिक कैरब्ज के समीप खड़ी एक डायल 100 वाहन में तोड़फोड़ और आग लगाने की कोशिश को क्षेत्रीय युवकों ने नाकाम कर दिया। ज्योति ने फोन करके पुलिस कंट्रोल रूम और सिविल लाईन केंट और गोराबाजार थाने को भी सूचना दी तथा हंगामे की खबर भोपाल भी दी। खबर लगने के बाद गोराबाजार और केंट की पुलिस तो मौके पर पहुंची लेकिन वहां की स्थिति देखकर दूसरे थानों से भी बल बुलाया गया। इस बीच नेहरू नगर के रहने वाले युवा भी आगे आये और उन्होंने उपद्रव मचाने वालों को रोका।
महिलाओं से अभद्रता
मंडला रोड पर चलने वाली बसों पर यात्रा करने के लिए खड़ी तीन महिलाओं के साथ उपद्रवी तत्वों ने अभद्रता की और उनके कपड़े तक फाड़ दिए तब नागरिक सुरक्षा समिति और नेहरू नगर के युवकों ने किसी तरह से महिलाओं को युवाओं के चंगुल से मुक्त कराया और उन्हें उचित व्यवस्था देते हुए गंतव्य के लिए रवाना किया।
आटो एक्टिवा और पेशन गाड़ी में तोड़फोड़
डोसा का ठेला लगाने वाले ज्योति के अनुसार उपद्रवी तत्वों ने न केवल उसके ठेले में तोड़फोड़ की बल्कि 2200 रुपए लूट कर भी ले गए। इसके अलावा उनपर हमला किया जिससे ज्योति और उसके भाई आनन्द को चोट भी आयी हैं। ज्योति के मुताबिक एक फल वाले के साथ भी मारपीट की गयी। बाद में जब पुलिस पहुंची तो पुलिस ने उपद्रवियों को तितर बितर करना शुरू किया। इस बीच सेना के कुछ जवान भी व्यवस्थाओं में लगाये गए।
स्कूल और यात्री वाहनों को हुई परेशानी
हंगामे के चलते सुबह सुबह स्कूल आने जाने वाले वाहनों के अलावा मंडला रोड पर चलने वाले यात्री वाहनों को भी काफी परेशानी हुई। सूत्रों की मानें तो उपद्रवी तत्व वाहनों में भी तोड़फोड़ करने उतारू थे।
वरिष्ठ अधिकारियों ने संभाला मोर्चा
घटना की जानकारी लगते ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव उईके, सीएसपी एमपी प्रजापति, केंट थाना प्रभारी प्रफुल्ल श्रीवास्तव, गोराबाजार थाना प्रभारी डीपीएस चौहान के साथ ही ओमती थाना प्रभारी अरविंद चौबे, रांझी थाना प्रभारी मधुर पटैरिया, बेलबाग पुलिस के अलावा दूसरे थानों की पुलिस को भी मौके पर बुलाया लिया गया था और पेंंटीनाका से लेकर स्टेशन तक पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। जिससे पूरा क्षेत्र छावनी में तब्दील हो गया।
डंडा तक नहीं था पुलिस वालों के पास
सूत्रों के मुताबिक जिस डायल 100 वाहन को उपद्रवियों द्वारा निशाना बनाने की कोशिश की गयी उसमें कुल तीन पुलिस कर्मी थे लेकिन उनके पास एक डंडा तक नहीं था जिसके भरोसे वे उपद्रवियों को नियंत्रित कर पाते। बाद में जब दूसरे थानों की पुलिस पहुंची तब कहीं जाकर उपद्रवियों को खदेड़ना शुरू किया गया। कैरब्ज चौक के आसपास जगह जगह बिखरे कांच के टुकड़े वाहनों में तोउ़फोड़ की गवाही दे रहे थे।
फ्लेक्स बोर्डोंं पर उतारा गुस्सा
उपद्रवी युवकों ने जिस ग्राउण्ड में सेना की भर्ती चल रही थी उसके आसपास लगे सभी राजनेताओं और कंपनियों के फ्लैक्सों को फाड़ डाला। इतना ही नहीं सड़क पर जो बोर्ड लगे थे उन्हें भी उखाड़कर फेंक दिया। इसके अतिरिक्त सीमेंट पोल भी उखाड़कर सड़क पर फेंक दिए गए। उपद्रवियों युवकों का झुंड जहां से गुजरा वहां जो मिला उसे अपना निशाना बनाया।
पेंटीनाका से लेकर स्टेशन तक अफरातफरी और हड़कंप
सुबह सुबह हुई इस घटना के चलते आज सुबह पेंटीनाका चौराहे से लेकर सृजन चौक, कैरब्ज से लेकर रेलवे स्टेशन तक अफरा तफरी का माहौल निर्मित रहा। खदेड़े जाने के बाद सैकड़ों उपद्रवियों ने स्टेशन का रुख किया जिसके चलते स्टेशन में किसी तरह की अप्रिय स्थिति निर्मित न हो इसके लिए तत्काल ही जीआरपी और आरपीएफ के साथ ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा को सदल बल स्टेशन में तैनात किया गया था। स्टेशन में युवक आते जाते तो रहे लेकिन समाचार के लिखे जाने तक स्टेशन मेंकिसी तरह की अप्रिय स्थिति निर्मित न होने की जानकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा ने दी है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि पुलिस पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए है।
क्या कह रहे थे आक्रोशित युवक
सेना की भर्ती में शामिल होने आए युवक जो आक्रोशित होने विवश हुए उनका कहना था कि बीस हजार ज्यादा से आवेदन कर्ताओं को तो बुला लिया गया लेकिन व्यवस्थाओं के नाम पर कुछ भी नहीं था यहां तक कि बाहर से आए हजारों युवक फुटपाथ और स्टेशन, बस स्टैण्ड जैसी जगहों पर रात बिताने विवश रहे। और सुबह जब भर्ती के लिए पहुंचे तो उन्हें वहां भी अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा।
प्रशासन ने भी नहीं की कोई व्यवस्था
सेना की भर्ती प्रक्रिया को लेकर कंटूमेंंट बोर्ड द्वारा भी ग्राउण्ड के आसपास न तो पीने के पानी की कोई व्यवस्था की गयी थी और न ही दूसरे प्रबंध। जिसके कारण बाहर से आए हजारों की तादाद में युवक फ्रैश होने और पीने के पानी के लिए तक तरस गए जिसके चलते उनका निशाना दुकानदार भी बने।
एक तरफ हंगामा दूसरी तरफ चालू रही भर्ती प्रक्रिया
सुबह सुबह एक तरफ जहां पेंटीनाका से लेकर कैरब्ज तक हंगामा और तोड़फोड़ अफरा तफरी और हड़कंप की स्थिति निर्मित रही तो दूसरी तरफ ग्राउण्ड में भर्ती प्रक्रिया भी जारी रही। सूत्रों की मानें तो सेना में अलग अलग पदों के लिए भर्ती निकाली गयी है। इसमें 76 जनरल ड्यूटी सिपाही, एक स्पेशल कुक सिपाही, उपकरण सुधारक एक, हाउसकीपर दो तथा तीन पद लिपिक के शामिल हैं। और इन पदों में भर्ती के लिए मध्यप्रदेश के अलावा बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश तक के युवाओं को आमंत्रित किया गया। जिसके चलते यह हालात निर्मित हो गए। स्थिति यह हो गयी थी कि केंट क्षेत्र के मैदान और फुटपातों पर युवाओं का जमावड़ा लगा रहा। भर्ती प्रक्रिया का असर रेलवे स्टेशन तक साफ नजर आ रहा था। दूसरे प्रदेशों से आयी उम्मीदवारों की भीड़ को नियंत्रित करने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए थे। सैकड़ों की तादाद में युवा रात से ही ग्राउण्ड के पास डेरा डाले हुए थे।

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