जबलपुर-पान की दुकान से लेकर गली कुलियों तक में चाहे जब मिल जाते हैं मादक पदार्थ

जबलपुर, मुनप्र। जबलपुर शहर मादक पदार्थ की बड़ी मंडी के रूप में तब्दील होता जा रहा है। आलम यह है कि प्रतिबंधित होने के बाद भी खुलेआम गांजा स्मैक और अवैध शराब जैसे मादक पदार्थोंं की बिक्री धड़ल्ले से जारी है। हालांकि समय समय पर पुलिस के द्वारा कई मामले पकड़े भी गये लेकिन इस गोरखधंधे पर विराम लगने का नाम नहीं ले रहा।
सालभर फलताफूलता रहा मादक पदार्थोंं का कारोबार
जिसके चलते शहर की युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में जकड़ती जा रही है। स्मैक गांजा की कौन कहे पंचर जोड़ने वाले सुलोचन और इंजेक् शनों का उपयोग भी आम होता जा रहा है। यदि बीते वर्ष 2017 की जनवरी माह से अभी तक नजर डाली जाये तो पुलिस ने नारकोटिक्स के साथ साथ एनडीपीस एक्ट के कई मामले दर्ज किए हैं। स्मैक गांजा की बात की जाए तो 80 से ज्यादा और 100 के बीच ऐसे प्रकरण सामने आये हैं। जिनमें से कुछ के आरोपी पुलिस के हाथ लगे हैं तो कुछ के आज भी अपने गुर्गों की मदद से कारोबार को संचालित करने में लगे हुए हैं। बीते वर्ष जनवरी की शुरूआत में ही सिहोरा थाना क्षेत्र में एक गाजा तस्कर को गिरफ्तार किया गया था।
फरवरी में भी छुटपुट मामले पुलिस के रोजनामचे में दर्ज हुए थे। मार्च 2017 में रेलवे स्टेशन मुसाफिर खाना से एक लाख रुपए की स्मैक बरामद की गयी थी। अप्रेल में भी गांजा स्मैक पकड़ने के समाचार सामने आते रहे हैं। 18 मई को हनुमानताल पुलिस ने गांजा के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया था। जून माह में लार्डगंज पुलिस ने रानीताल गेट नंबर एक के पास साढ़े 6 किलो गांजा के साथ एक तस्कर को हिरासत में लिया था। 27 जूनको पाटन पुलिस ने दमोह से आ रही गांजे की एक बड़ी खेप पकड़ी थी और कार से दस किलो के करीब गांजा जब्त किया था।
इसी दौरान सिहोरा पुलिस ने भी दो गांजा तस्करों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की थी। जुलाई माह में खमरिया पुलिस ने क्राइम ब्रांच की मदद से कार से जबलपुर की ओर आ रहे गांजा तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 14 किलो गांजा बरामद किया था। अगस्त माह में घमापुर थाना क्षेत्र में एक सेंट्रो कार में अवैध रूप से ले जायी जा रही 18 पेटी शराब जब्त की गयी थी जबकि 30 अगस्त को सिहोरा में चोरी की बाइक में गांजा बेचने की फिराक में गांजा तस्कर पुलिस के हत्थे चढ़े और इनके कब्जे से दो किलो गांजा जब्त किया गया था। अगस्त माह में ही प्रेम सागर और माढ़ोताल क्षेत्र में भी गांजा तस्कर गिरफ्तार हुए थे और उनसे दो किलो गांजा बरामद किया गया था। अगस्त में ही बेलबाग पुलिस ने चार किलो गांजा के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया था।
सितम्बर की बात की जाए तो सिहोरा में पकड़े गए गांजा तस्करों से दो किलो गांजा के साथ ही आधा दर्जन बाइके भी जब्त की गयी थीं। अक्टूबर में भी गांजा स्मैक पकड़ने के छुटपुट मामले सामने आते रहे। नवम्बर में माढ़ोताल पुलिस ने पांच किलो गांजा सहित दो गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया था जिनके पास से एक पिस्टल भी जब्त हुई थी। इसी महीने की 25 तारीख को सिहोरा पुलिस ने 23 किलो गांजा के साथ एक तस्कर को पकड़ा था जो कार से गांजा लेकर आ रहा था और पुलिस को देखकर कार को झाड़ियों में कुदा दिया था।
हाल की कुछ ताजी घटनाएं
अभी तक तो स्मैक गांजा के कारोबार में पुरुषों की भूमिका ही रहती थी लेकिन पुलिस से बचने के लिए मादक पदार्थ के कारोबारियों ने नया तरीका इजाद कर लिया है। अब वे इस काम में महिला का उपयोग भी करने लगे हैं। हाल ही में जब किन्नरों के बीच विवाद चल रहा था और कुछ किन्नरों की गिरफ्तार हुई तो वे भी स्मैक के कारोबार में लिप्त पाये गये। इसके अलावा गत दिवस बेलबाग ओमती और घमापुर क्षेत्र में पांच महिलाओं को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 51 ग्राम स्मैक जब्त की गयी है। कुल मिलाकर देखा जाए तो जनवरी से अब तक मादक पदार्थों का कारोबार तेजी से शहर में फलताफूलता रहा।
अवैध शराब का कारोबार भी धड़ल्ले से जारी
एक तरफ जहां शहर में बड़ी संख्या में देशी और अंग्रेजी शराब की लायसेंसी दुकानें होने के बावजूद भी कच्ची शराब और अवैध शराब का कारोबार फलफूल रहा है। अभी हाल में अंधेरीबाग में आबकारी विभाग ने दबिश देकर बड़ी मात्रा में कच्ची शराब बनाने के लिए उपयोग में लाया जाने वाला लाहन और शराब जब्त की थी। बीच कालोनी में चल रहे इस गोरखधंधे पर कार्यवाही संभवतः पहलीबार हुई है। सुबह चार बजे से यहां पर शराबियों की चहलकदमी चालू हो जाती है।
इसके अलावा कटरा, लालमिट्टी, प्रेमसागर, ब्यौहारबाग, गुरंदी, ऐसे क्षेत्र हैं जहां अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से जारी है और पुलिस तथा आबकारी विभाग को जानकारी भी है लेकिन खानापूर्ति के लिए ही कार्यवाहियां की जाती हैं।