
” मध्यप्रदेश की राजनीति में सबसे लोकप्रिय नेता, डाॅ. नरोत्तम मिश्र ” के आज जन्मदिन पर विशेष.…
सादगी, सहजता एवं जन भावनाओं को समझने की अद्भुत क्षमता वाले भारतीय जनता पार्टी के विनम्र कर्मठ,परिश्रमी नेता,जिनकी लोकप्रियता मध्यप्रदेश के हर वर्ग में है ऐसे डाॅ.नरोत्तम मिश्र का आज जन्मदिन है।
उनका सरल,सहज,संवेदनाओं से परिपूर्ण स्वभाव आकर्षण का केंद्र है।किसी अजनबी से भी मिलकर, कुछ पल में ही अपना बनाने का व्यक्तित्व अद्वितीय है।यही कारण है,कि उनके असंख्य समर्थक हैं।
ग्वालियर में जन्मे डाॅ.नरोत्तम मिश्र एम ए, पीएचडी हैं, उन्होने राजनीति का आरंभ छात्रसंघ से किया।वो सन् 1977-78 में जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर छात्रसंघ के सचिव रहे,1978-80 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य,1985-87 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रहने के बाद 1990 में ग्वालियर जिले की डबरा विधानसभा से विधायक बने।
1998 में दूसरी बार,2003 में तीसरी बार निर्वाचित हुए।1जून 2005 में बाबूलाल गौर जी के साथ प्रदेश के राज्यमंत्री बने। 4 दिसंबर 2005 में शिवराज सिंह चौहान जी की कैबिनेट में पुनः स्थान मिला।2008 में चौथी बार दतिया विधानसभा से विधायक निर्वाचित होने के बाद 28 अक्टूबर 2009 में तथा पांचवी बार निर्वाचित होने के बाद 29 दिसंबर 2013 को कैबिनेट मंत्री बने। 2018 में छठवीं बार पुनः विधानसभा दतिया से ही विधायक निर्वाचित हुए और म.प्र.विधानसभा लोक लेखा समिति के अध्यक्ष तथा भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक बने।
डाॅ.नरोत्तम मिश्र हमेशा संघर्ष करके ही आगे बढ़े,राजनीति की खुरदरी जमीन में भी उनके पग कभी डगमगाए नहीं।साहस,प्रबंधन,समन्वय और संयोजन के ज्ञानी होने के साथ विशिष्ट प्रशासनिक कार्यकुशल भी हैं।
चुनावी प्रबंधन में भी उन्हें महारथ हासिल है। भाजपा संगठन की ओर से विधानसभा चुनाव उत्तर प्रदेश और गुजरात का महत्वपूर्ण प्रभार दिये जाने के बाद उनके प्रभार के क्षेत्र में भाजपा की जीत इसका तात्कालिक उदाहरण रहा।भाजपा संगठन ने पुनः 2019 लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश का सहप्रभारी बनाया। उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘ Y ‘ श्रेणी की सुरक्षा भी प्रदान की।
मध्यप्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार बनने के बाद दुर्भावना पूर्वक षड्यंत्र कर डाॅ.नरोत्तम मिश्र को उलझाने के तमाम प्रयास हुए,लेकिन कांग्रेस के सभी प्रयास विफल हुए।कमलनाथ सरकार कार्यकाल में वो निरंतर जनहितैषी मामलों में आपने – सामने रहे।
कांग्रेस के अल्प कार्यकाल में ही प्रदेश में अराजकता का वातावरण उत्पन्न हो गया था।जनमानस सत्ता परिवर्तन चाहता था।जनभावनाओं के अनुरूप अकल्पनीय परिवर्तन लाकर प्रदेश में पुनः भाजपा सरकार बनाने में उनकी मुख्य भूमिका रही।
उनका एक वाक्य मुझे याद आता है, ” अच्छे विचार हमारे व्यवहार में होने चाहिए, पत्थरों में बहुत लिखे होते हैं “।
सदैव सर्व समाज की सेवा में तत्पर,जितना सुंदर उनका तन है,उतना ही सुंदर उनका मन है।आध्यात्मिक,साहित्यिक विषयों के ज्ञाता एवं चिंतक भी हैं।पीडित मानवता के सच्चे सेवक डाॅ.नरोत्तम मिश्र जी के लिए गोपालदास नीरज की ये पंक्तियाँ सटीक बैठती हैं..
” हैं फूल रोकते,कांटे मुझे चलाते, मरूस्थल पहाड़,चलने की राह बढ़ाते,
सच कहता हूं,जब मुश्किलें ना होती हैं,
मेरे पग तब चलने में शर्माते,
मेरे संग चलने लगें हवायें जिससे,
तुम पथ के कण-कण को तूफान करो…
मैं तूफानों में चलने का आदी हूं ,
तुम मत मेरी मंजिल आसान करो।।
असंख्य जनमानस के ह्रदय में स्थापित माननीय डाॅ.नरोत्तम मिश्र जी को जन्मदिवस की अनंंत शुभकामनाएं।