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कैमोर में पूर्व परम्परा के अनुसार ही मनेगा दशहरा महोत्सव, विशाल रावण के पुतले का निर्माण शुरू

कैमोर, (राजा दुबे। बीते गुरुवार 21 सितम्बर को अडानी एसीसी मैनेजमेंट और श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों की मौजूदगी में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में दशहरा महोत्सव का आयोजन पूर्व परम्परा के अनुरूप ही किये जाने को ग्रीन सिग्नल मिल गया है।

मैनेजमेंट की स्वीकृति प्राप्त होने के दूसरे दिन याने आज 22 सितम्बर से ही एसीसी रामलीला मैदान में रावण के विशाल पुतले का निर्माण शुरू हो गया है वहीं रामलीला मंचन एवं दुर्गा प्रतिमा स्थापना की तैयारियां भी प्रारंभ हो गई हैं। इसके साथ ही यहां दशहरा महोत्सव को लेकर छाए असमंजस के बादल छंट गए हैं।
गौरतलब है कि कैमोर नगर में एसीसी द्वारा एकदम अनूठे अंदाज में दशहरा महोत्सव मनाया जाता है।

विशाल पुतले का निर्माण

यहां रावण के दस सिरों वाले विशाल पुतले का निर्माण किया जाता है। विजया दशमी की रात इस पुतले का दहन किया जाता है। आतिशबाजी के शानदार प्रदर्शन के बाद पुतला दहन के लिए पुतले से लगभग 500 मीटर दूर बने रामलीला मंच से अग्निबाण छोड़ा जाता है जो आकाश मार्ग से चलता हुआ पुतले की छाती में लगता है। अग्निबाण लगते ही तेज विस्फोट के साथ विशालकाय पुतला धू – धू कर जल उठता है। आतिशबाजी और पुतला दहन का यह नाज़रा देखने हजारों की संख्या में दूर दूर से लोग रामलीला मैदान पहुंचते हैं। दशहरे के बाद अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमो की प्रस्तुति भी होती है।

रावण का पुतला तैयार होने में ही 35 से 40 दिन का समय लग जाता है

कैमोर में मनाए जाने वाले दशहरे की तैयारियां लगभग डेढ़ महीने पहले ही शुरू हो जाती थीं। रावण का पुतला तैयार होने में ही 35 से 40 दिन का समय लग जाता है। इस बार अभी तक पुतले का निर्माण शुरू नहीं होने के कारण लोगों में दशहरा आयोजन को लेकर असमंजस का माहौल बन गया था। अब तक दशहरे को लेकर दशहरा कमेटी की बैठक भी आयोजित नहीं की गई थी जिससे आशंकाओं को और बल मिल रहा था। नगर परिषद कैमोर सहित इंटक और बीएमएस ने मैनेजमेंट को पत्र लिखकर दशहरे का आयोजन पूर्व परम्परा के अनुरूप किये जाने का आग्रह किया था।

श्रमिक संगठनों की बैठक में दशहरा आयोजन को मंजूरी

अंततः 21 सिरम्बर को अडानी एसीसी के सीएमओ सेंट्रल वैभव दीक्षित एवं हेड एच आर क्लस्टर एच पी सिंह सहित श्रमिक संगठनों की बैठक में दशहरा आयोजन को मंजूरी प्रदान कर दी गई। बैठक के बाद दूसरे दिन से ही पुतले का निर्माण भी प्रारंभ कर दिया गया है। अलग अलग कार्यक्रमो के लिए प्रथक प्रथक समितियों का गठन कर उन्हें जिम्मेदारियां सौंपी जा रहीं। दशहरा आयोजन को हरी झंडी मिल जाने से लोगों में हर्ष की लहर है। उल्लेखनीय है कि कैमोर सहित आस पास के ग्रामीण अंचलों सहित समस्त जिला वासियों को साल भर कैमोर के दशहरे का इंतजार रहता है।

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