केंद्र सरकार के कर्मचारियों का 90 से 900 रुपये तक बढ़ा जोखिम भत्ता

7th Pay Commission, 7th CPC Latest News, Central Government Pensioners नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलने वाले जोखिम भत्ते में बढ़ोतरी की गई है। जोखिम भत्ते की राशि में 90 रुपये प्रति महीना से लेकर 900 रुपये तक का इजाफा किया गया है। खास बात है कि 1988 में यही भत्ता 20 रुपये से लेकर अधिकतम 200 रुपये तक दिया जाता था। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत अब जोखिम भत्ते को बढ़ाया गया है।
राजपत्रित अधिकारी जो डायनामाइट या नाइट्रो ग्लिसरीन तैयार करने जैसे काम में लगा है, उसे 675 रुपये मिलेंगे। इनके अलावा खतरनाक भवनों में काम करने वाले वाले अधिकारियों को 900 रुपये मासिक जोखिम भत्ता मिलेगा।
डीओपीटी द्वारा 22 अगस्त 1988 को जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, अकुशल वर्कर को 20 रुपये मासिक जोखिम भत्ता मिलता था। अर्धकुशल वर्कर को 30 रुपये, कुशल कर्मचारी को 40 रुपये, सुपरवाइजर को 50 रुपये, अराजपत्रित अधिकारी जो डायनामाइट या नाइट्रो ग्लिसरीन तैयार करने जैसी ड्यूटी कर रहा हो, उसे 150 रुपये दिए जाते थे।
राजपत्रित अधिकारी जो डायनामाइट या नाइट्रो ग्लिसरीन तैयार करने जैसे काम में लगा था, उसे 190 रुपये मिलते थे। इनके अलावा खतरनाक भवनों में काम करने वाले वाले अधिकारियों को 200 रुपये मासिक जोखिम भत्ता दिया जाता था। साल 2012 में भी जोखिम भत्ते को रिवाइज किया गया था।
इसके अंतर्गत अकुशल वर्कर को 40 रुपये मासिक जोखिम भत्ता देने की घोषणा की गई। अर्धकुशल वर्कर को 60 रुपये, कुशल कर्मचारी को 80 रुपये, सुपरवाइजर को 100 रुपये, अराजपत्रित अधिकारी जो डायनामाइट या नाइट्रो ग्लिसरीन तैयार करने जैसी ड्यूटी कर रहा हो, उसे 180 रुपये दिए गए।
राजपत्रित अधिकारी जो डायनामाइट या नाइट्रो ग्लिसरीन तैयार करने जैसे काम में लगा है, उसे 300 रुपये देना तय हुआ था। खतरनाक भवनों में काम करने वाले वाले अधिकारियों को उस वक्त 400 रुपये मासिक जोखिम भत्ता दिया गया।