जबलपुर (अजय पांडे)। नंबरो के लिहाज से जबलपुर में जीती विद्यार्थी परिषद् प्रतिष्ठा और सम्मान की लड़ाई में जमके हारी परिषद् की नाक शहर के सबसे बड़े कॉलेज सेंट अलॉयसियस ने कटते-कटते बचा ली।
जबलपुर ही नहीं समूचे महाकौशल के प्रतिष्ठित कॉलेजो में हारने के बाद सबसे ज्यादा छात्र संख्या वाले मिसनरी सेंट अलॉयसियस कॉलेज में एबीवीपी का अध्यक्ष हारते-हारते एक वोट से जीत गया। वैसे तो इस कॉलेज में विद्यार्थी परिषद् की स्थिति कुछ खास नही थी यहां एनएसयूआई के कुछ नेताओं की तूती बोलती थी। लेकिन परिषद् ने कुछ ऐसा पैतरा अजमाया कि एनएसयूआई जीतते – जीतते हार गई। विद्यार्थी परिषद् ने अपने प्रत्याशी सारी कक्षाओं में खड़े नहीं किये जबकि एनएसयूआई ने अपने पूरे पत्ते खोलते हुए सारे कक्षा प्रतिनिधी के प्रत्याशी ओपन कर दिये लेकिन विद्यार्थी परिषद् ने अपने प्रत्याशियों को निर्दलीय चुनाव लड़वाया और एनएसयूआई को इसकी भनक भी नहीं लगी जिसके चलते उन्होनें इन प्रत्याशियों को गंभीरता से नहीं लिया।
जैसे ही कक्षा प्रतिनिधी का परिणाम आया और विद्यार्थी परिषद् ने अपने निर्दलीय लड़ाये गये प्रतिनिधियों को अपने पाले में खींच लिया। वहीं एनएसयूआई उम्मीद कर रही थी कि बांकि कॉलेजो की तरह यहां भी निर्दलीय उसके साथ आ जायेगें।इतनी सब जुगत लगाने के बाद भी एबीवीपी को ऐड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा जानकारी के मुताबिक एनएसयूआई के पांच कक्षा प्रतिनिधी प्रत्याशियों के फार्म रिजेक्ट होने से भी एबीवीपी का रास्ता साफ हो गया। तब कहीं जाकर उन्हें एक वोट से जीत मिल पाई।