मध्यप्रदेश

शहरी क्षेत्र में रजिस्ट्री शुल्क में एक फीसदी की वृद्धि

इंदौर। शहरी क्षेत्र में जमीन की रजिस्ट्री कराने पर शासन ने शुक्रवार से एक फीसदी शुल्क में वृद्धि कर दी है। इस तरह सभी प्रकार का रजिस्ट्री शुल्क 9.30 से बढ़कर 10.30 फीसदी हो गया है। ग्रामीण क्षेत्र में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। हालांकि अब तक वरिष्ठ पंजीयन कार्यालय में किसी प्रकार का लिखित पत्र नहीं आया है, लेकिन केंद्र सरकार के संपदा सॉफ्टवेयर पर ई-रजिस्ट्री में सुबह से ही अपडेट कर दिया है। इस परिवर्तन के बाद जितनी भी रजिस्ट्री हुई उन पर एक फीसदी अधिक राशि ली गई।

रजिस्ट्री शुल्क में होने वाली वृद्धि 1 जनवरी से होनी थी, लेकिन अड़चनों के कारण 20 दिन बाद बढ़ोतरी की गई। यह शुल्क केवल शहरी क्षेत्र में जमीन खरीदने पर लगेगा। ग्रामीण क्षेत्र में किसी प्रकार की अतिरिक्त राशि नहीं ली जाएगी। शुल्क बढ़ाने पर वकीलों ने भी आपत्ति जताई और एक लिखित ज्ञापन वरिष्ठ जिला पंजीयक को सौंपा है। शासन ने पिछले वर्ष भी शहरी क्षेत्र में एक फीसदी शुल्क बढ़ाया था। इस तरह दो सालों में रजिस्ट्री की राशि में दो फीसदी की वृद्धि हुई है।

रजिस्ट्री कराने में लगने वाली राशि

मद्रांक शुक्ल (स्टाम्प ड्यूटी) 5 फीसदी

नगर पालिका ड्यूटी 2 फीसदी

जनपद शुल्क 1 फीसदी

उपकर 0.50 फीसदी

पंजीयन फीस 0.80 फीसदी

कुल 9.30 फीसदी

नगर पालिका ड्यूटी में वृद्धि 1 फीसदी

शुक्रवार से कुल बढ़ोतरी – 10. 30 फीसदी

ग्रामीण क्षेत्र में रजिस्ट्री शुल्क

स्टांप ड्यूटी 5 फीसदी

नगर पालिका ड्यूटी 00

जनपद शुल्क 1 फीसदी

उपकर 0.50 फीसदी

पंजीयन फीस 0.80 फीसदी

कुल राशि 7.30 फीसदी

ऐसे बढ़ेगा बोझ

वर्तमान में रजिस्ट्री संपदा सॉफ्टवेयर पर ई-रजिस्ट्री के नाम से की जा रही हैं। गुरुवार तक एक करोड़ रुपए की जमीन की रजिस्ट्री कराने वाले को 9 लाख 30 हजार रुपए शुल्क लगता था। एक फीसदी रजिस्ट्री शुल्क बढ़ने पर 10 लाख 30 हजार रुपए शुल्क देना होगा। इस तरह कुल एक लाख रुपए का बोझ एक करोड़ की जमीन पर बढ़ेगा।

रोज होती हैं 400 रजिस्ट्रियां

जिला पंजीयक कार्यालय में रोजाना लगभग 400 रजिस्ट्रियों से तीन करोड़ रुपए की आय विभाग को हो रही है। अब इस आय में 20 से 30 फीसदी की वृद्धि हो जाएगी। यह शुल्क नगर निगम के खाते में जाएगा। यह इंदौर के अलावा जिले की हातोद, देपालपुर, महू और सांवेर तहसीलों में भी लगेगा।

वकीलों ने जताया विरोध

पंजीयन कार्यालय अभिभाषक व्यवस्थापक समिति के सदस्यों ने एक फीसदी रजिस्ट्री शुल्क की वृद्धि पर विरोध दर्ज कराया है। समिति के अध्यक्ष प्रमोद द्विवेदी ने बताया कि शासन ने रजिस्ट्री शुल्क में बढ़ोतरी गजट नोटिफिकेशन के प्रकाशन बिना कर दी है। इन्होंने मांग की है कि इस तरह से बढ़ाए गए शुल्क पर रोक लगाई जाए और संपदा साफ्टवेयर संचालित कर रही कंपनी को नोटिस दिया जाए।

बढ़ गया रजिस्ट्री शुल्क

सुबह से जैसे ही ई-रजिस्ट्री पर काम करना शुरू किया तो उसने पुराने शुल्क पर रजिस्ट्री नहीं की। अपडेट मिला कि एक फीसदी अतिरिक्त शुल्क बढ़ा दिया गया है। केन्द्र शासन के फैसले के आधार पर ही रजिस्ट्री शुल्क वसूला जाएगा। – बालकृष्ण मोरे, वरिष्ठ जिला पंजीयक अधिकारी

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