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कल्याणकारी होगा नया वर्ष, जानिये किस राशि के लिए कैसा रहेगा

सुसनेर। आने वाला वर्ष 2018 कल्याणकारी और उन्नतिकारक होगा। नए साल का स्वागत इस बार पंच महायोग के संयोग से होगा। वर्ष 2001 के बाद यह पहला अवसर है जब वर्ष की शुरुआत इस महायोग के साथ होगी। जो सबके लिए कल्याणकारी होगा।

इस वर्ष व्यापार में लाभ होगा। वहीं भारत की विश्‍व में साख बढ़ेगी। ज्योतिषाचार्य पंडित बालाराम व्यास के मुताबिक यह साल 1990, 2001 और 2007 की तरह होगा। साल की शुरुआत सोमवार से हो रही है। इस दिन शुक्‍ल और आनंद योग भी है।

साथ ही अमृत, सिद्धि और स्वार्थ सिद्धि के योग भी बन रहे हैं। ऐसे में ये पांच महासंयोग नए साल को पहले के सालों में बेहतर बना रहे हैं। एक जनवरी को शुक्र, शनि और सूर्य लग्न भाव में रहेंगे। सूर्य भी भाग्‍येश होकर लग्न में बैठे हैं। जिसे हिंदू धर्मग्रंथों के मुताबिक काफी शुभ संकेत माना जाता है।

पांच स्नान वर्ष होंगे जनवरी में

ऐसा संयोग बहुत कम होता है जब लगभग सभी स्नान पर्व एक ही माह में होते हैं। लेकिन 2018 में महाशिवरात्रि को छोडकर पांच स्नान पर्व जनवरी में ही पड़ेंगे। 14 जनवरी की रात 7.45 बजे बृहस्पति अपनी राशि धनु छोड़कर शनि की राशि मकर में प्रवेश करेंगे। इसलिए उदया तिथि के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति के दिन भोर में 4. 52 बजे माघी अमावस्या द्याुरू हो जाएगी। इसलिए मौनी अमावस्या का पर्व 16 जनवरी को है।

पंचयोग राशियों पर असर

मेष- सफलता, समृद्धि

वृषभ- धनलाभ, स्वास्थ्य

मिथुन- पारिवारिक तकलीफ

कर्क – समृद्धि

सिंह- धन की सुरक्षा करें

कन्या -धन लाभ

तुला -स्वास्थ्य का ध्यान रखें

वृद्यिचक- चिंता, पारिवारिक प्रगति

धनु – शत्रु भय

मकर- स्त्री कष्ट

कुंभ – रोग, धनलाभ

मीन- व्यय की अधिकता

यह है स्नान पर्व

2 जनवरी मंगलवार पौष पूर्णिमा, 14, 15 जनवरी रविवार, सोमवार मकर संक्रांति, 16 जनवरी मंगलवार मौनी अमावस्या, 22 जनवरी सोमवार बसंत पंचमी, 31 जनवरी बुधवार माघी पूर्णिमा स्नान पर्व रहेंगे।

साल में तीन बार होगा रवि पुण्य योग

22 अप्रैल 20 मई और 17 जून को रवि पुष्य योग होंगे। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र हैं। इनमें 8वें स्थान पर पुष्य नक्षत्र आता है। जो बेहद शुभ एवं कल्याणकारी नक्षत्र है। इसे नक्षत्रों का सम्राट भी कहा जाता है। जब यह नक्षत्र रविवार के दिन होता है इस नक्षत्र एवं बार के संयोग से रवि पुष्य योग बनता है।

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