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कमलनाथ पर बंदूक तानने वाले आरक्षक पर केस दर्ज, माँ ने कहा-बेटा ऐसा नहीं कर सकता

छिंदवाड़ा। सांसद कमलनाथ पर बंदूक तानने के आरोपी आरक्षक रत्नेश पवार के खिलाफ शनिवार को कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

 

शुक्रवार को ही एसपी ने उसे निलंबित कर दिया था। छिंदवाड़ा पुलिस आरोपी आरक्षक को जांच के लिए जबलपुर ले गई है, जहां पर मेडिकल कॉलेज में उसकी मानसिक स्थिति की जांच के लिए डॉक्टरों ने उसे 48 घंटे आब्जर्वेशन में रखा है। इसके बाद रिपोर्ट मिलेगी। इधर आरक्षक की मां का कहना है कि उसका बेटा ऐसा नहीं कर सकता है। उसे फंसाया जा रहा है।

 

शुक्रवार की शाम 4 बजे शिकारपुर हवाई पट्टी पर जब पूर्व केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ दिल्ली वापस लौटने के लिए प्लेन की सीढ़िया चढ़ रहे थे, तभी पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक रत्नेश पवार ने अपनी लोडेड रायफल उनकी ओर तान दी थी। इस मामले में एसपी विवेक तिवारी ने आरक्षक रत्नेश को तत्काल निलंबित कर दिया था, जिसे जांच के लिए जबलपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया है।

 

सीएसपी शिवेषसिंह बघेल ने बताया कि कुंडीपुरा थाने के एसआई आरपी गायघने की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने आरक्षक रत्नेश के खिलाफ धारा 308 (जानबूझकर हत्या का प्रयास करना) का मामला दर्ज कर लिया है। इधर एएसपी नीरज सोनी ने बताया कि आरोपी आरक्षक की मानसिक स्थिति की जांच के लिए उसे जबलपुर के मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उसे 48 घंटे के आब्जर्वेशन में रखा गया है। इसी के बाद जांच रिपोर्ट आएगी।

मेरे बेटे को फंसाया गया है…

इधर रत्नेश की मां जयवंती बाई का कहना है कि मेरा बेटा ऐसा नहीं है, वो ऐसा कर ही नहीं सकता, उसे फंसाया जा रहा है। रात में सभी अधिकारी उसे घर लेकर आए थे। उसके इलाज की पर्चियां साथ लेकर जबलपुर गए हैं।  आरक्षक रत्नेश की मां की आंखों में आंसू छलक आए। उनकी मां के साथ आरक्षक की दोनों बहने भी खड़ी थीं। उन्होंने भी कहा मेरा भाई ऐसा नहीं है। जरूर काई गलतफहमी हो गई है। भगवान जानता है वह इस तरह का नहीं है। सांसद कमलनाथ के साथ ऐसा नहीं कर सकता।

12 – 12 घंटे करता है नौकरी

आरक्षक की मां जयवंती बाई ने बताया मेरा बेटा पुलिस की बारह बारह घंटे नौकरी करता है। जब कभी वह परेशान हो जाता था तो वह एक बात जरूर कहता था कि मां आज बहुत परेशान हूं। ऐसा लगता है कि और कोई नौकरी कर लूं। शायद इसी वजह से भी वह हमेशा मानसिक तनाव में रहता था। इसके बाद भी मैं नहीं मान सकती कि वह ऐसा कदम उठा सकता है।

रत्नेश पवार की आरक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति 2008 में हुई थी, जिसके बाद से आरक्षक एक बार निलंबित भी हो चुका है। मां और दो बहनें है, दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। चंदनगांव में कुछ दिन पहले ही उसने मकान बनाया था, जिसमें मां के साथ वह कुछ दिन पहले शिफ्ट हुआ है।

आरआई एलबी बौद्ध का कहना है कि ड्यूटी के दौरान वह मानसिक तनाव में कभी नहीं दिखा, जहां भी उसे तैनात किया गया, वहां उसने अपनी पूरी तरह से ड्यूटी निभाई है। उसके संबंध किसी भी तरह की शिकायत नहीं मिली है।

एक बार हो चुका सस्पेंड

कोतवाली में पदस्थापना के दौरान आरक्षक रत्नेश के खिलाफ कई शिकायतें मिलने पर उसे सस्पेंड कर दिया गया था। इसके वह पुलिस लाइन में रहा, फिर बहाल होने पर उसे उमरेठ थाने में पदस्थ किया गया था। चार-पांच माह पहले फिर रत्नेश को कोतवाली में पदस्थ किया गया था। इसके बाद उसे पुलिस लाइन भेज दिया गया था।

रत्नेश के हाथ से बंदूक फिसल गई थी..

दो पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हवाई पट्टी पर रत्नेश के हाथ से बंदूक फिसल गई, जिसे उसने उठाया और बंदूक की नाल कमलनाथ के प्लेन तरफ हो गई। इस दौरान कमलनाथ प्लेन की सीढ़ियां चढ़ रहे थे, तभी मौके पर दो एसआई आरपी गायघने और आरके नर्रे ने आरक्षक से बंदूक छुड़ा ली और उसे फटकार लगाई और तत्काल आरक्षक को बाहर कर दिया।

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