धर्म

कल शिव-शक्ति के मिलन का पर्व, इन चीजों का अर्पण, होंगे लाभ

धर्म डेस्क। रविवार 17.12.17 को पौष कृष्ण चतुर्दशी के उपलक्ष्य में मासिक शिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार चतुर्दशी अर्थात चौदस तिथि के स्वामी स्वयं परमेश्वर शिव माने जाते हैं।

पौराणिक मान्यतानुसार शिवरात्रि पर्व वैदिक काल से ही मनाया जाता है। इस व्रत व पर्व का पालन देवी लक्ष्मी, सरस्वती, गायत्री, सीता, पार्वती व रति ने विधिवत किया था।

साल में 12 मासिक शिवरात्रि पर्व मनाए जाते हैं। हर मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाने वाला मासिक शिवरात्रि पर्व भगवान शंकर को अति प्रिय है। शिवरात्रि शिव-शक्ति के मिलन का विशेष पर्व है। मान्यतानुसार शिवरात्रि के प्रदोषकाल में ही शंकर-पार्वती का विवाह हुआ था।

मान्यतानुसार प्रदोष काल में महाशिवरात्रि तिथि में ही सभी ज्योतिर्लिंगों का प्रादुर्भाव हुआ था। शास्त्रनुसार सर्वप्रथम ब्रह्मा व विष्णु ने महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पूजन किया था।

पौराणिक मान्यतानुसार दिव्य ज्योर्तिलिंग का उदभव भी चतुर्दशी तिथि को माना जाता है व महा शिवरात्रि को शिव उत्पत्ति के रूप में जाना जाता है। शास्त्रनुसार मासिक शिवरात्रि के पूजन, व्रत व उपायों से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, हर मुश्किल कार्य सुगम होता है व सदा निरोगी काया प्राप्त होती है।

विशेष पूजन: प्रातः काल में शिवलिंग का पंचोपचार पूजन करें। शुद्ध घी का दीप करें, सुगंधित धूप करें, लाल कनेर के फूल चढ़ाएं, रक्त चंदन से त्रिपुंड बनाएं, सेब का फलाहार चढ़ाएं व गुड का भोग लगाएं। इस विशेष मंत्र को 108 बार जपें। इसके बाद फल किसी गरीब को बांट दें।

विशेष मंत्र: ॐ त्र्यम्बकाय नमः॥

विशेष मुहूर्त: शाम 19:05 से शाम 20:05 तक।

उपाय
सदा निरोगी बने रहने हेतु शिवलिंग पर जायफल चढ़ाएं।

मुश्किल कार्य में आसानी हेतु शिवलिंग पर शहद चढ़ाएं।

मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाएं।

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