इसी बहाने

इसी बहानें-हनी का जाल फिर ट्रेप से बवाल

इसी बहानें (आशीष शुक्‍ला)। सुर्खियां देश मे इन दिनों जमकर उबाल मार रहीं हैं हनी ट्रेप की। कई लोगों को तो अब तक समझ में नहीं आया कि आखिर यह हनी ट्रेप है क्या बला? हनी तो बहुत सी सुन रखीं थीं हमने भी पर ट्रेप से पाला पहली बार ही पड़ा।

नौबत देश के सीक्रेट तक जा पहुंची। अब हनी जो कल तक मीठी हनी थी आज कड़वी नीम हो गई। इस पूरे मामले से एक बात तो तय है कि सोशल मीडिया में फैलीं इस तरह की हजारों हनी आपका भविष्य बिगड़ने के लिए काफी हैं। मीडिया तक तो ठीक लेकिन अब संचार क्रांति ने देश की सुरक्षा पर भी सेंध लगाने की कोशिश शुरू कर दी है।

कल तक तो फोन कॉल ट्रेप तक मामला गले उतरता था, पर अब व्हाट्सएप और फेसबुक ट्रेप भी सामने खड़ा है। हर व्यक्ति के हाथ में पहले छोटा सा मोबाइल था जो वक्त के मुताबिक जैसे नवजात समयानुसार बालक और फिर किशोरावस्था में पहुंचता है वैसे ही मोबाइल 2 इंच से बढ़कर 7 इंच पर पहुंच गया। इसमें भी वह सभी गुण आ गए जो बालक से युवा बने एक नवयुवक में आ जाते हैं। जिसकी रेम भी बढ़ गई तो मेमोरी भी अनलिमिटेड हो गई। मेमोरी कुछ यूं बढ़ी कि इसने देश की सुरक्षा तक को अपनी आगोश में ले लिया।

हनी ट्रेप का यह मामला यंू तो जल्द समझ मे नहीं आ रहा लेकिन यह पड़ोसी देश का अब वो घिनोना षड्यंत्र बन रहा है जिससे देश के प्रत्येक नागरिक को सचेत रहने की आवश्यकता है। हनी ट्रेप के इस मामले के बाद एक और बात जेहन में समाई है, वह यह कि इस तरह से कितने और शख्स इन हनी के चक्कर मे समाए हैं, जो अपनी बातों या यूं कहें अदाओं से किसी अनजान व्यक्ति को अपने जाल में फंसा कर उससे जानकारियां एकत्रित कर रही हैं।

यहां सवाल यह उठना भी लाजमी है कि हम जिस सोशल प्लेटफार्म पर यह सब कुछ कर रहे हैं वह आखिर चल कहां से रहा है? आज बेहद गर्व से बताया जा रहा है कि पुलिस या फिर कोई और सरकारी एजेन्सी ने अपना व्हाट्सएप ग्रुप या फिर फेसबुक पेज अथवा ट्विटर एकाउंट बना लिया। सोशल मीडिया में सक्रियता की इस बानगी के पहले किसी ने भी यह सोचा कि फेसबुक, ट्विटर या फिर व्हाट्सएप का सर्वर कहां है? इसका डेटा कहां पर स्टोर हो रहा है? कभी ध्यान दिया गया है कि व्हाट्सअप से डेटा रिस्टोर कहां से हो जाता है।

साफ है कि हजारों किलोमीटर दूर से इन सोशल मीडिया के प्लेटफार्म को ऑपरेट किया जा रहा है। अब सवाल यह कि आखिर हमारी सूचनाएं कहां तक गुप्त रह गईं, यह समझ से परे है। आवश्यकता अविष्कार की जननी है। लेकिन ये कुछ अविष्कार अब देश दुनिया के लिए घातक होते जा रहे हैं। आज एक हनी ट्रेप ने सनसनी मचा दी। सुंदर फोटो देख कर फ्रेन्ड रिक्वेस्ट स्वीकार करने की सजा सामने है। सोशल मीडिया का प्लेटफार्म निः संदेह सूचनाओं को त्वरित गति से एक से दूसरे तक पहुंचाने का सफल प्रयास कर रही हैं, लेकिन यह त्वरित गति कहीं न कहीं देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने लगी हैं जिसके लिए हर व्यक्ति को सचेत रहने की जरूरत है।

फेसबुक या फिर वाट्सअप पर किसी भी अनजान से दोस्ती या फिर उससे चेटिंग बेहद संभल कर करना जरूरी है, अन्यथा देश की सुरक्षा में सेंध लगाने कई ऐसी हनियां हमें हानियां ही पहुंचाती रहेंगी। सोशल मीडिया के इस प्लेटफार्म पर सरकार की नजर और नीति दोनों आवश्यक हैं, अन्यथा लाख जतन के बावजूद हनी बन कर विदेशी जासूसी एजेन्सियां आसानी से देश के लिए सिरदर्द बनने को तैयार हैं।

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