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डाटा चोरी से बचने के लिए अमरीका में शुरू होगा सिक्योर 5G नैटवर्क

जालंधर।  अमरीका को चाइनीज साइबर अटैक से बचाने के लिए जल्द ही ट्रम्प सरकार खुद का 5G नैटवर्क शुरू करने वाली है। माना जा रहा है कि अमरीका में फोन कॉल्स को चीन द्वारा एक्सैस किया जा रहा है जिस वजह से अब अमरीका में 5G नैटवर्क शुरू किया जाएगा जो जरूरी जानकारी को देश से बाहर जाने से रोकने के काम आएगा।

रिउटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ प्रशासन अधिकारी ने रविवार को बताया है कि अमरीका में सरकार द्वारा संचालित सुपर फास्ट 5G नैटवर्क को शुरू किया जाएगा। ट्रम्प प्रशासन की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम का मानना है कि चीन से अमरीकी साइबर सुरक्षा और आर्थिक सुरक्षा को खतरा है इस लिए इस 5G नैटवर्क को शुरू किया जाएगा।

डाटा लीकेज से अमरीका को मिलेगा छुटकारा
अमरीकी न्यूज और इनफोर्मेशन वैबसाइट एक्सियोस मीडिया को कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिनमें बताया गया है कि टीम 3 वर्षों के अंदर-अंदर अमरीका में सिक्योर 5G नैटवर्क को शुरू करेगी। इन दस्तावेजों में दावा किया गया है कि इस 5G तकनीक को आइसनहोवर्स राष्ट्रीय राजमार्ग व्यवस्था के समतुल्य बनाना होगा और इससे वायरलैस तकनीक को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा प्राइवेट नैटवर्क होने से कमर्शियल डाटा के लीक होने का भी खतरा नहीं रहेगा। यह तकनीक लम्बे समय तक काम करेगी लेकिन इसे शुरू करने में काफी खर्च आएगा।

 

मिलेगी फास्ट इंटरनैट स्पीड
रिउटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह प्रस्ताव प्रशासन के “निम्न स्तर” पर सर्कुलेट किया गया है। इसे शुरू करने के लिए ट्रम्प को इस पर विचार करना होगा जिसमें 6 से 8 महीनों का वक्त लग सकता है। माना जा रहा है कि यह तकनीक काफी फास्ट इंटरनैट स्पीड मुहैया करवाएगी। उम्मीद है कि अमरीका में 5G नैटवर्क को इस वर्ष के आखिर तक शुरू कर दिया जाएगा और पूरे अमरीका में वर्ष 2020 तक इसे शुरू किया जा सकेगा। इससे देश की सुरक्षा में काफी इजाफा होगा।

टैक्नोलॉजी को मिलेगा बढ़ावा
जानकारी के मुताबिक यह सिक्योर 5G तकनीक अमरीका में सैल्फ ड्राइविंग कार्स, आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस, वर्चुअल रिऐलिटी व अन्य नई तकनीकों को और भी बेहतर तरीके से काम करने में मदद करेगी और इससे टैक्नोलॉजी को भी बढ़ावा मिलेगा।

इन कारणों के चलते ट्रम्प प्रशासन शुरू करेग 5G नैटवर्क
इसी महीने AT&T ने चीनी कम्पनी हुवाई द्वारा अमरीका में स्मार्टफोन बेचने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया क्योंकि उन्हें इन चीनी स्मार्टफोन्स के जरिए लोगों के डाटा चोरी होने का खतरा मंडरा रहा था। वहीं वर्ष 2012 में हुवाई और चीनी कम्पनी ZTE कार्पोरेशन पर लगे आरोपो के चलते भी इस 5G नैटवर्क को शुरू करने के बारे में सोचा गया। इन दोनों चीनी कम्पनियों पर आरोप लगा था कि वह अपने उपकरणों  के जरिए विदेशी जासूसी का एक अवसर प्रदान कर रही हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने रिउटर्स को बताया है कि हम एक ऐसा नैटवर्क बनाएंगे जो चीन को अमरीका में होने वाली कॉल्स को ट्रैक नहीं करने देगा। यह एक सिक्योर नैटवर्क होगा जो अमरीकी डाटा को एक्सैस करने से रोकेगा। इसके अलावा हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि चीन अमरीकी मार्किट को टेकओवर ना करे। आपको बता दें कि 5G नैटवर्क को लॉन्च करने के लिए बिलीयन्स डॉलर्स को खर्च कर स्पैक्ट्रम खरीदना पड़ेगा। अनुमान के मुताबिक इसे शुरू करने के लिए अगले 7 वर्षों में लगभग 275 बिलीयन डॉलर का खर्च आएगा।

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